में मांगलिक हूँ,ये सुनकर कई बार व्यक्ति को लगता है कि मंगल के कारण विवाह में कोई बाधा उत्पन्न हो सकती है,विवाह में कोई विलम्ब हो सकता है,अगर शादी हो भी गई तो क्या आपसी तालमेल सही रहेंगे ,कही ऐसा न हो की सम्बन्ध विच्छेद हो जाए | मन में कई सवाल उत्पन्न हो जाते है | मंगल के प्रभाव कुछ हद तक ऐसे हो सकते है ,पर जितना सोच रहे है उससे कुछ कम |
मंगल ग्रह कुंडली के प्रथम भाव लग्न में हो तो मंगली योग बनता है | अगर मंगल उच्च मकर राशि का हो तो अधिक प्रभाविक होगा | आपकी कुण्डली में जब प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम भाव में मंगल होता है तब मंगलिक दोष होता है | अगर लड़का या लड़की कि कुंडली में यह दोष हो तो यह विवाह के लिए अशुभ माना जाता है | वैसे तो मंगल जिनकी कुण्डली में होता है उन्हें मांगलिक से ही विवाह करना चाहिए | परन्तु कुछ मंगल के प्रभाव आप पूजा विधि से कम कर सकते है |
कुछ विद्वानों की मान्यता है ज्योतिशास्त्र में कुछ नियम हैं जिससे वैवाहिक जीवन में मांगलिक दोष नहीं लगता है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर कुण्डली में चतुर्थ और सप्तम भाव में मंगल मेष अथवा कर्क राशि के साथ योग बनाता है तो मंगली दोष लगता है | कुछ पूजन विधियों को पूरा करने के बाद आप मंगल दोष को कम कर सकते है |