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Fitness trainer,Fitness Academy | पोस्ट किया
हमेशा देखा जाता है की कभी भी सर्दी-जुकाम होने और धूल-मिट्टी से एलर्जी होने पर छींक आती ही आती है ऐसे में छींक आना एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन छींकते वक्त आंखें बंद क्यों हो जाती है इस बात पर कभी किसी ने गौर नहीं फ़रमाया होगा | आपको बता दूँ की जब तक सांस लेने की प्रक्रिया आम और साधारण रूप से चलती रहती है तब तक छींक नहीं आती पर जब सांस लेने पर धूल का कण या कोई रेशा नाक में अचानक अटक जाता है तब उसे बाहर निकालने के लिए शरीर क्रिया करता है और ये क्रिया छींकना कहलाती है।
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जब हमें अचानक छींक आती है शरीर के कई अंग ऐसे होते हैं जो कि एक्टिव रहते है, लेकिन ट्राइजेमिनल नाम की तंत्रिका की छींकने में खास भूमिका निभाता है, तंत्रिका तंत्र के द्वारा हमारी आँखों, मुंह और नाक को नियंत्रित किया जा सकता है इसी कारण से छींकने के दौरान आंख, नाक, मुँह जैसे अंगों पर दबाव पड़ता है जिसके कारण छीक आने पर तुरंत आँखें बंद हो जाती हैं।
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यह बात तो आप सभी जानते हैं कि जब हमारे नाक के अंदर को भी बाहरी चीजें जैसे कि गर्दा आज ही चला जाता है तो हमें तुरंत छींक आने लगती है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब भी इंसान को छींक आती है तो आंखें बंद क्यों हो जाती है शायद आपको इसकी जानकारी नहीं होगी तो चलिए हम आपको इसकी जानकारी देते हैं वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च के द्वारा पता लगाया है कि क्षेत्र वक्त आप इसलिए बंद हो जाती है क्योंकि मुंह के बैक्टीरिया आंख में ना चले जाएं हमारी आंखों की सुरक्षा के लिए ऐसा होता है।
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