आज हर कोई अपना वजन कम करने के लिए तरह-तरह की एक्सरसाइज करता है । अपनी डाइट पर कंट्रोल करता है और मार्केट में मिलने वाली आयुर्वेदिक एलोपैथिक हर तरह दवा इस्तेमाल करता है।
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वजन कम करने के लिए इतना मेहनत करने के बावजूद भी वजन कम नहीं होता है रिसर्च की इस उपाय को अपनाना चाहिए। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो आपको थोड़ा रोना चाहिए। आप यह सोच रहे होंगे, यह कैसी बात!!
दोस्तों अगर आपको वजन कम करना है तो आप को थोड़ा बहुत भावुक होकर रोना भी आना चाहिए ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि एक रिसर्च बताता है।
दोस्तों वे लोग बड़े लकी हैं जो भावुक होते हैं और छोटी-छोटी बातों पर उनको रोना आ जाता है दरअसल उनका स्वास्थ्य अच्छा होता है और उनका वजन भी कंट्रोल में रहता है। होता क्या है कि अगर कोई भावुक होकर रोता है तो उसके मन से अवसाद या मन में जो परेशानी होती है, वह दूर हो जाती है, और इस तरीके से वह स्वस्थ मन से जीवन जीने लगता है।
हम आपको शोध की बात बताते हैं कि आखिर किस तरीके से भावुक होकर रोने से वजन कम होता है।
दोस्तों जब हम वह भावुक होते हैं तो हमारे इस शरीर में कॉर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है। इस कारण से हमारे शरीर के जहरीले तत्व होते हैं; जिसे टॉक्सिन कहते हैं, वह आसानी से शरीर से मूत्र और मल के रास्ते बाहर निकल जाते हैं।
रिसर्च में दोस्तों बताया गया है कि आंसू बहाने वाले लोगों के शरीर में फैट ज्यादा जम नहीं पाता है इसलिए वह पतले दुबले और चुस्त-दुरुस्त रहते हैं।
दोस्त और रखिए रोने का भी एक तरीका है जब आप भावुक होकर रोते हैं कभी यह काम करता है। कुदरत ने जिसे भावुक बनाया है उसके लिए तो वरदान ही है। कच्ची भावना से जो रोता है वास्तव में उसका वजन घटता है यह रिसर्च बताता है।
दोस्तों रोने का एक समय है जब उस समय भावों को कर कोई रोता है तो वास्तव में उसका वजन कम होता है रिसर्च में यह मजेदार बात बताई गई है कि शाम को 7:00 बजे से रात के 10:00 बजे तक भावुक होकर रोने वाले व्यक्ति का वजन कम होता है और उसके शरीर से विषाक्त पदार्थ भी निकल जाते हैं।
अगर इस रिसर्च की बात माने तो वास्तव में भावों के लोग ज्यादा लकी होते हैं और हमें भी थोड़ा भावुक होना चाहिए अपने मन के अवसाद को निकाल देना चाहिए।