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नमस्कार सतनाम सिंह जी , आपका सवाल इंसान के व्यक्तित्व को लेकर है | तो आपको बता दे इन्सान का व्यक्तित्व का निर्धारण वो खुद करता है और अपने लिए करता है | और इंसान की क़ाबलियत निर्भर करती है उसके आत्मविश्वास पर अगर वो खुद पर भरोसा करता है तो वो कभी नाकामयाब नहीं हो सकता है |
इंसान का व्यक्तित्व उसकी क़ाबलियत निर्धारति करता है | अगर इंसान का व्यक्तित्व उसके पहनावे से उसके रंग से या उसके स्तर को लेकर ना आकी जाए | इंसान क्या सोच रखता है वो निर्भर करता है | कोई इंसान कामयाब तब होता है जब वो कामयाब होना चाहे क्योकि पूरी दुनिया मे इंसान सिर्फ खुद को जानता है | उसको उसके स्कूल या कॉलेज मे सिर्फ उसके विषय के बारे मे ज्ञान दिया जाता है | और सामाजिक जानकारी वो समाज मे रह कर और अपने माता - पिता से सीखता है | पर जब वो व्यवसाय के बाजार मे जाता है तो उसको अपने आप ही सब व्यवस्थित करना पड़ता है | तब वो अपना शिक्षक खुद बन जाता है |
किस कहानी मे यह लिखा भी है - "इंसान अपनी क़ाबलियत से आसमान छूता है | उसका ज्ञान और उसका व्यवहार ही उसको समाज मे सही बनता है | इंसान का रूप - रंग उसके ज्ञान के आगे कोई मायने नहीं रखता | जैसे गुब्बारा किसी भी रंग का हो अगर उसमे हवा सही भरी है तो वो आसमान मे उड़ता ही है |" तो उससे क्या फर्क पड़ता है वो किस रंग का है या किस जगह से खरीदा है बस उसमे भरी जाने वाली हवा उसके उड़ने का निर्धारण करती है | इंसान का व्यक्तित्व उसके कामयाब होने के आधार पर होना चाहिए | न की उसके रहन-सहन पर |
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