हनुमान बाहुक का पाठ कितनी बार करना चाहिए...

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| Updated on February 13, 2024 | Education

हनुमान बाहुक का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

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@komalsolanki9433 | Posted on February 12, 2024

कहा जाता है कि यदि भगवान का आशीर्वाद मिल गया तो सारे काम हो जाते है । 

 

पर यह आशीर्वाद मिलता कैसे है। हम भगवान के प्रति अपना समर्पण करते है बदले मे भगवान जी हम पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखते है। 

किसी भी मंत्र, जाप करने के लिए एकाग्रचित होना बहुत आवश्यक है। कलयुग मे हनुमान जी को चिरनजीवी बोला गया है। जो व्यक्ति  हनुमान जी की भक्ति पूरी श्रद्धा भाव के साथ करता है, हनुमान जी उसके सारे संकट दूर कर देते है। हनुमान जी प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक , बजरंग बाण, हनुमान बाहुक आदि का पाठ करते है । 

 

प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी का दिन माना जाता है। कहते है मंगलवार के दिन हनुमान बाहुक का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है और हमारे सारे कष्ट और रोग दूर हो जाते है और हमे मानसिक और शारिरिक शांति मिलती हैं। 

 गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा रचित हनुमान बाहुक रोगों से निजात दिलाता है। कहा जाता हैं की तुलसीदास को जब रोगों ने जकड़ लिया था वह वात रोग से पीड़ित हो गए थे तब गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान बाहुक की रचना की जिससे उनके सारे रोग नष्ट हो गए और वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गए। 

हनुमान बाहुक का पाठ लगातार 21 दिनों तक करने की सलाह दी जाती हैं। हनुमान जी की कृपा से 21 दिनों मे ही मनुष्य रोगों से मुक्ति पा लेता है। और निरोगी हो जाता हैं। 

विधि विधान से हनुमान बाहुक का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा होती हैं और जीवन के कष्टो से मुक्ति मिलती है। शारीरिक और मानसिक शांति की प्राप्ति होती हैं। 

माना जाता है कि हनुमान बाहुक का पाठ करने के लिए प्रत्येक मंगलवार को स्नान करके हनुमान जी के फोटो के आगे जल के कलश में तुलसी का पत्ता डाल कर हनुमान बाहुक का पाठ करना चाहिए उसके पश्चात तुलसी का पत्ता जल के साथ ग्रहण कर लेना चाहिए। ऐसा करने से तमाम कष्ट और बीमारी दूर हो जाती हैं। 

 

 

 

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@krishnapatel8792 | Posted on February 12, 2024

चलिए हम आपको बताते हैं कि हनुमान बाहुक का पाठ कितनी बार करना चाहिए:-

 

मैं आपको बता दूं कि हनुमान बाहुक एक शक्तिशाली हनुमान मंत्र है। जो सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाता है। यह एक अष्टक है। जिसका अर्थ होता है इसमें आठ श्लोक है। मैं आपको बता दूं कि इस मंत्र की रचना गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा किया गया था।

 हनुमान बाहुक में हनुमान जी को उनकी शक्तियों का स्मरण कराया जाता है। इसके अलावा इस मंत्र में हनुमान जी को अजर -अमर और सर्वशक्तिमान संकट मोचन कहा जाता है। कहां जाता है कि इस मंत्र का नियमित पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और भक्त के सभी संकट दूर हो जाते हैं।

 

यदि आप हनुमान बाहुक का नियमित रूप से जब करते हैं तो इसके बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं:-

 

  • इस मंत्र के जब से सभी संकट दूर हो जाते हैं।
  • यह मंत्र भय,चिंता और अवसाद को दूर करने में मदद करता है।
  • इस मंत्र के जब से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।
  • यह मंत्र जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में मदद करता है।
  • बताया जाता है कि हनुमान बाहुक गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित है। जिसका नियमित 21 दिनों तक पाठ करने से असाध्य रोगों से मुक्ति मिल जाती है। और यदि आप विश्वास पूर्वक नियमित इसका पाठ करते हैं तो सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक  कष्टों का निवारण होता है।
  • यदि आप हनुमान बाहुक का नियमित रूप से पाठ करते हैं तो आपको गठिया, वात रोग, सर दर्द, गले में हो रहे दर्द, आदि शारीरिक कासन से मुक्ति मिलती है। लेकिन हां ध्यान रहे कि यह स्तुति कम से कम 21 या 26 दिनों तक लगातार करें। हनुमान बाहुक पाठ करने से शारीरिक कासन से मुक्ति तो मिलती ही है साथ ही ये पाठ जातक को भूत प्रेत जैसी बधाओं से भी दूर रखने में मदद करता है।

 

 

 

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