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नाग पंचमी सावन के महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को होता हैं | इस दिन नाग देवता का पूजन किया जाता हैं | जैसा कि सभी जानते हैं, नाग देवता भगवान शिव के गले में उनका हार बना हुआ रहता हैं | हमारे प्राचीन समय के वेद और पुराण में नाग की उत्पत्ति महर्षि कश्यप और उनकी पत्नी से मानी गई है, नाग देवता का स्थान पाताल लोक माना गया हैं |
इस साल नाग पंचमी 15 अगस्त को हैं | नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा होती हैं और नागों को दूध पिलाया जाता हैं | पुराने समय के लोगों का कहना यह हैं, कि नाग को दूध पिलाने से लक्ष्मी जी का आगमन होता हैं | नाग पंचमी की पूजा का एक और कारण हैं | जैसा की हमारा देश किसानों का देश हैं, और सांप खेतों की रक्षा करते हैं, जो कीटाणु खेतों को नुक्सान पहुंचा सकते हैं, सांप उनको समाप्त कर देते हैं | इसलिए सांप को क्षेत्रपाल कहते हैं |
जिनकी कुंडली में काल सर्प योग होता हैं, उनको नाग पंचमी के दिन की नाग देवता की पूजा करना चाहिए और 'ॐ नमः शिवाय' और 'ॐ नागदेवताय नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए इससे काल सर्प योग का प्रभाव कम होता हैं | आप मंदिर जाकर पूजा करें और वहाँ इस मंत्र का जाप 108 बार करें, आपको काल सर्प योग से मुक्ति मिलेगी |
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