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भारत में बजट बनाने के प्रमुख चरण क्या हैं?


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भारत में बजट बनाने की प्रक्रिया एक सुव्यवस्थित और क्रमबद्ध प्रणाली है, जिसमें सरकार की विभिन्न शाखाओं और मंत्रालयों की सहभागिता होती है। यह प्रक्रिया देश की आर्थिक नीतियों, विकास योजनाओं और सामाजिक कल्याण के लक्ष्यों को निर्धारित करती है। इस लेख में, हम भारत में बजट बनाने के प्रमुख चरणों का विस्तार से अध्ययन करेंगे।

 

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पूर्व-तैयारी चरण (Pre-Budget Preparation)


1. राजस्व और व्यय का आकलन

बजट बनाने की प्रक्रिया का पहला चरण पिछले वर्ष के राजस्व और व्यय का विश्लेषण करना होता है। वित्त मंत्रालय इस चरण में यह समझने का प्रयास करता है कि पिछले बजट के तहत क्या सफल रहा और क्या नहीं।

 

2. मंत्रालयों से सुझाव

विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से अगले वित्तीय वर्ष के लिए अपेक्षित खर्च और योजनाओं के प्रस्ताव मांगे जाते हैं। प्रत्येक मंत्रालय अपनी आवश्यकताओं और योजनाओं को प्रस्तुत करता है, जो बजट के मसौदे में शामिल किए जाते हैं।

 

3. आर्थिक सर्वेक्षण

बजट से पहले, आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया जाता है। यह सर्वेक्षण देश की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करता है और अगले वर्ष की संभावनाओं पर प्रकाश डालता है। इसमें विभिन्न आर्थिक संकेतकों, जैसे GDP वृद्धि, मुद्रास्फीति, रोजगार दर आदि का विवरण होता है।

 

बजट का मसौदा तैयार करना (Drafting the Budget)


1. विभिन्न समितियों की समीक्षा

वित्त मंत्रालय द्वारा प्राप्त सभी प्रस्तावों की समीक्षा करने के लिए योजना आयोग (अब नीति आयोग) और व्यय विभाग जैसी विभिन्न समितियां गठित की जाती हैं। ये समितियां प्रस्तावों का मूल्यांकन करती हैं और उनकी प्रासंगिकता पर विचार करती हैं।

 

2. आय और व्यय का संतुलन

वित्त मंत्रालय संभावित आय (जैसे कर राजस्व) और व्यय के आधार पर बजट का मसौदा तैयार करता है। इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाता है कि आय और व्यय के बीच संतुलन बना रहे।

 

3. राजकोषीय घाटे का आकलन

बजट तैयार करते समय यह सुनिश्चित किया जाता है कि राजकोषीय घाटा नियंत्रित रहे। सरकार को यह देखना होता है कि वह अपने खर्च को कैसे प्रबंधित कर सकती है ताकि वित्तीय स्थिरता बनी रहे।

 

प्रधानमंत्री और कैबिनेट की स्वीकृति (Approval by the Cabinet)


1. मसौदे का प्रस्तुतीकरण

वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार बजट मसौदे को प्रधानमंत्री और कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। इस चरण में कैबिनेट सदस्यों से आवश्यक सुझाव लिए जाते हैं।

 

2. अंतिम रूप देना

आवश्यक सुझावों और संशोधनों को शामिल करने के बाद बजट को अंतिम रूप दिया जाता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी मंत्रालयों की आवश्यकताएं पूरी हों।

 

बजट का संसद में प्रस्तुतिकरण (Presentation in Parliament)


1. बजट प्रस्तुति

हर वर्ष 1 फरवरी को वित्त मंत्री द्वारा बजट को लोकसभा में प्रस्तुत किया जाता है। इस प्रस्तुति में सरकार की नीतियों, लक्ष्यों और योजनाओं का विवरण होता है।

 

2. बजट के दो हिस्से

बजट दो मुख्य हिस्सों में विभाजित होता है:

  • राजस्व खाता (Revenue Budget): इसमें सरकार की आय और व्यय का विवरण होता है।
  • पूंजी खाता (Capital Budget): इसमें पूंजीगत व्यय और ऋण का ब्यौरा होता है।

संसदीय बहस और स्वीकृति (Parliamentary Debate and Approval)


1. सामान्य चर्चा

बजट पर संसद में चर्चा की जाती है। सांसद इस पर अपने विचार व्यक्त करते हैं और आवश्यक संशोधन प्रस्तावित कर सकते हैं।

 

2. अनुदान की मांग

मंत्रालय अपनी आवश्यकताओं को प्रस्तुत करते हैं, जिन्हें बाद में अनुदान की मांग के रूप में पारित किया जाता है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सभी मंत्रालयों को उनके कार्यान्वयन के लिए आवश्यक धन उपलब्ध हो सके।

 

3. वित्त विधेयक का पारित होना

बजट लागू करने के लिए वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक पारित किया जाता है। यह विधेयक संसद द्वारा अनुमोदित होने पर ही लागू होते हैं।

 

क्रियान्वयन और निगरानी (Implementation and Monitoring)


1. बजट लागू होना

बजट लागू होने के बाद, मंत्रालय और विभाग अपनी योजनाओं और परियोजनाओं को निधि के अनुसार क्रियान्वित करते हैं।

 

2. निगरानी प्रणाली

व्यय और राजस्व संग्रह की निगरानी की जाती है ताकि बजट लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। इसके लिए विभिन्न निगरानी तंत्र स्थापित किए जाते हैं, जो सुनिश्चित करते हैं कि धन का उपयोग सही तरीके से हो रहा है।

 

निष्कर्ष

भारत में बजट बनाने की प्रक्रिया एक जटिल लेकिन महत्वपूर्ण कार्य है जो देश की आर्थिक दिशा को निर्धारित करती है। यह प्रक्रिया न केवल वित्तीय प्रबंधन का एक उपकरण है, बल्कि यह सामाजिक कल्याण और विकास के लिए भी आवश्यक होती है। प्रत्येक चरण का अपना महत्व होता है, जिससे सुनिश्चित होता है कि देश के आर्थिक संसाधनों का प्रभावी और संतुलित उपयोग हो सके।इस लेख में हमने भारत में बजट बनाने के प्रमुख चरणों पर विस्तार से चर्चा की। इन चरणों को समझना आवश्यक है ताकि हम जान सकें कि कैसे सरकार अपने वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन करती है और किस प्रकार से देश के विकास में योगदान देती है।

 


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