हमारे घर में यह आपको हमेशा मिलेगी। इसके अलावा अगर हम ट्रेवल कर रहे हैं तो इसकी एक छोटी सी शीशी आपको जरूर हमारे बैग में मिलेगी। हम इसका इस्तेमाल बचपन से करते आ रहे हैं और यह बेहद असरदार है।
अमृत धारा बनाने के लिए आपको तीन चीजों की आवश्यकता होती है। (जैसे हमारे घर में इसे बनाया जाता है)
सामग्री:-
अजवाइन का सत
पुदीने का सत और
भीमसेनी कपूर
विधिः-
इसे बनाने के लिए आपको इन तीनों चीजों को बराबर मात्रा में लेकर किसी कांच की शीशी में डालना है और फिर हल्की धूप में कुछ समय के लिए रखना है। यह कुछ ही समय बाद एक रंगहीन, गाढ़े तरल के रूप में बनकर तैयार हो जाएगी। तब आप इस कांच की शीशी को उठाकर अंदर रख लीजिए। इस तरह से आपकी अमृतधारा बन कर तैयार है। इसे विशेषकर कांच की शीशी में रखने की सलाह दी जाती है। एक बार बनाने पर यह काफी समय तक अपने औषधीय गुणों को बरकरार रखतीं है।
नोट:-संबंधित सारी सामग्री आपको किसी भी पंसारी की दुकान पर आसानी से मिल सकती है। लाते समय भी इस बात का ध्यान रखें कि इन सब चीजों को एक ही लिफाफे में ना लेकर आए क्योंकि एकसाथ यह सब पिघलना शुरू हो जाते हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें। Ps. हम से यह गलती एक बार हो चुकी है।
लाभ:-इसका इस्तेमाल आप पेट दर्द, सिरदर्द, गैस की समस्या, शरीर में दर्द, दांत का दर्द, दस्त, फटे हुए होठों पर वैसलीन के साथ मिलाकर, ततैया आदि के काटे जाने पर, सर्दी-जुखाम में कर सकते हैं।
इस्तेमाल का तरीका:- आप एक चम्मच चीनी पर इसकी कुछ बूंदें डालें और सेवन करें या फिर आप एक छोटे गिलास पानी में कुछ बूंदें मिलाकर भी इसे पी सकते हैं। आप इसे सफेद वैसलीन में मिलाकर हाथों, फटे होठों, फटी एड़ियों, शरीर के दर्द वाले किसी भाग आदि पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
विशेष नोट:- इस बात का ध्यान हमेशा रखें कि इस्तेमाल की जाने वाली चीजें अच्छी क्वालिटी की हो। किसी विश्वासपात्र पंसारी से ही खरीदें इसकी सलाह देते हैं।