भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी ने 2014 इलेक्शन चुनाव के दौरान एक जनता से वादा किया था कि अगर वह देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह जनता के 1500000 रुपए खाते में आ जाएंगे पर यह उन्होंने इसके लिए एक शर्त भी रखी थी कि अगर काला धन विदेश से वापस आ जाता है तो ही यह संभव हो पाएगा। इसी की पहल करते हुए नरेंद्र मोदी जी ने हमारे देश की करंसी गई 500 और 1000 के नोट 8 नवंबर 2016 को बंद करने का ऐलान किया था और उसकी जगह 500 का नया नोट और 2000 का नोट लांच किया था उन्होंने 1000 का नोट बिल्कुल बंद कर दिया उन्हें लगता था कि इससे सारा काला धन जो देश में है वह बाहर आ जाएगा और इससे सरकार को काफी धन प्राप्त होगा और वह लोगों को 1500000 दे पाएंगे।इसी के साथ उन्होंने एक कवायद शुरू की थी कि जो विदेशों में भारत के लोगों का काला धन है वह वापस आए तो हर इंसान के खाते में 1500000 जाना संभव हो पाएगा। पर जो काला धन लोगों के पास हमारे देश में था वह भी काफी हद तक बाहर आया पर पूरा अभी वापस नहीं आया और जो काला धन विदेशों में है वह तो अभी भी नहीं आया है और यह 15 लोगों के खाते में आना अब बस एक जुमला ही बनकर रह गया है। यूं तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार मोदी नेतृत्व में अपने पूरे 5 साल कर चुकी है तो वह अब तक नहीं दे पाई तो अब जनता भी समझ चुकी है यह महज एक जुमला था जिससे जनता के वोट पा सके अब ऐसा समझ चुके हैं कि वह 15 लाख का वादा नरेंद्र मोदी जी द्वारा कभी भी पूरा नहीं होगा और इसीलिए 2019 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने वह अपना घोषणापत्र में भी नहीं लिखा है।