भगत सिंह, सुखदेव , और राजगुरु - भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सम्मानित क्रन्तिकारी थे - जिनको 23 मार्च, 1931 को पंजाब के हुसैनवाला (अब पाकिस्तान में) में फाँसी दिया गया ब्रिटिश राज के दौरान । उनके निष्पादन ने कई युवाओं को क्रांतिकारी पथ पर ले जाने के लिए प्रेरित किया, जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई को सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनके फांसी के दिन को , शहीद दिवस के रूप में भी जाना जाता ह।
लाहौर षड़यंत्र केस
- सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद, पुलिस ने लाहौर में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) की बम फैक्ट्रियों पर छापा मारा और कई प्रमुख क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया।
- तीन व्यक्तियों हंस राज वोहरा, जय गोपाल और फणींद्र नाथ घोष ने सरकार के लिए अनुमोदन किया, जिसके कारण सुखदेव थापर, जतिंद्र नाथ दास और शिवराम राजगुरु सहित कुल 21 गिरफ्तारियां हुईं। भगत सिंह को लाहौर षडयंत्र मामले, सहायक अधीक्षक सॉन्डर्स की हत्या और बम निर्माण के लिए फिर से गिरफ्तार किया गया था।
- 10 जुलाई, 1929 को न्यायाधीश पंडित श्री किशन की अध्यक्षता में एक विशेष सत्र अदालत में 28 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू हुआ।