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हाँ, सोचना मानसिक गतिविधि मे है। सोच वह है जो दूसरे प्राणियों से मानव को अलग बनाती हैं। मानव अपनी संसस्याओ और तर्क को सोच के आधार पर ही तय करता है तथा उसे अपनी सोच व समझ के अनुसार सुलझाता है। सोच ही व्यक्ति को अच्छा और बुरा समझने मे मदद करती है। रास के अनुसार " सोच मनोवैज्ञानिक पहलुओ के सम्बन्ध मे अपने संज्ञानात्मक या मनसिक गतिविधि मे एक मानसिक गतिविधि है। "
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