लोगों को लग रहा था कि लाकडॉउन सफल हो रहा है लेकिन अचानक ही उस वक्त लोगों और सरकार के मन में निराशा हाथ लगती है जब अचानक से ही तबलीगी जमात नामक एक मुस्लिम संस्था सुर्खीयो में आ जाती है फिर क्या था उस मुस्लिम संस्था का सरकार और मीडिया भारत के हिंदू देश वासियों ने इस तरह बेड़ा गर्क कर दिया कि उस संस्था को कुछ ही दिनों मे संस्था के तार दूसरे मुस्लिम देश के संगठनों से जोड़ दिया जाएगा धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता भी समाप्त कर दी जाएगी.आपको ज्ञात हो कि है संस्था 100 सालों से भी ज्यादा भारत में अपने पैर पसारे हुए हैं 213 देशों में इस संस्था की ब्रांच है.
इस संस्था के एकदम से सुर्खियों में आने का मुख्य कारण कोरोना वायरस इस संस्था में गए लोगों की वजह से ज्यादा फैला है रिपोर्ट बताती है कि लगभग 30 से 50% कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज इसी संस्था के हैं हां इसी संस्था के हैं ठीक है...मगर दिल्ली पुलिस की भी तो लापरवाही को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जिसे सब कुछ पता होते हुए भी लापरवाही दिखाई है. अगर दिल्ली पुलिस उस पूरे इलाके को ही सीज कर देती तो आज शायद मरीजो की संख्या बढ़ती नहीं और जितनी थी उतने तक ही रह जाती.
दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित तबलीगी जमात के मरकज से दुनिया के 150 देशों से ज्यादा जमातें इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए जाती हैं. इतना ही नहीं दुनिया के तमाम देशों से तबलीगी जमात के लोग भारत में भी आते हैं. सऊदी अरब जहां से इस्लाम की शुरुआत हुई, वहीं पर तबलीगी जमात पूरी तरह बैन है. इसके अलावा ईरान में भी इन्हें इस्लाम के प्रचार-प्रसार करने की इजाजत नहीं है.
जमात सऊदी अरब में बैन संस्था है तबलीगी जमात इस बात का दावा करता है कि वह मुस्लिम धर्म का प्रचार करता है और लोगों को अल्लाह के रास्ते पर चलने को बताता है मगर इस जमात को एक बात बिल्कुल भी समझ नहीं आ रही कि जब सऊदी अरब जोकि अल्लाह की जगह है और मक्का मदीना भी वहीं पर है उस देश में जब इस तबलीगी जमात को बैन किया हुआ है तो इस जमात को भारत में क्यों नहीं बैन किया गया. जब इस तबलिगी जमात को अल्लाह की नगरी ने बैन कर दिया है तो भारत क्यों इस जमात को पैर पसारने का मौका दे रहा है.
सऊदी अरब में सलफी मसलक (संप्रदाय) के मानने वाले लोग ज्यादा हैं. वहां की मस्जिदों के इमाम भी ज्यादातर सलफी मसलक के हैं. वहीं, तबलीगी जमात के लोग हनफी मसलक के हैं. ऐसे में इस्लाम के अंदर धार्मिक और वैचारिक मतभेद होने के चलते एक तरह से सऊदी अरब में तबलीगी जमात पर बैन है, क्योंकि सलफी मसलक में इस्लाम के प्रचार-प्रसार की इस तरह से कोई पद्यति नहीं है.इसके अलावा अरब का एक ये भी तर्क है कि यहां से ही इस्लाम पूरी दुनिया में फैला है, ऐसे में कोई हमें क्या इस्लाम बताएगा.
गौर कीजिए भारत में राजनीतिक पार्टियां जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है तबलीगी जमात को राजनीतिक पार्टियो संरक्षण देती है ताकि मुस्लिम वोट पार्टी को बनी रहे इस वजह से तबलीगी जमात को बैन नहीं किया गया है और आज जब तबलीगी जमात पर सवाल उठने लगे हैं तो तबलीगी जमात को जल्द ही आतंकवाद का अड्डा भी घोषित कर दिया जाएगा. आपको बता दिया जाए कि तबलीगी जमात पर आतंकवादी संगठनों से फंडीग का आरोप पहले भी लगता रहा है. जब इस बात का पता है कि तबलीगी जमात उस देश में बहन क्या है जहां पर इस्लाम की शुरुआत हुई थी तब भारत में इसको इजाजत किसने दी भारत में इसको अपने पैर पसारने का मौका किसने दिया. इस बात पर कोई सवाल नहीं करेगा क्योंकि अगर यह जमात फैला भी है तो राजनीति पार्टियों की वजह से अपना वोट बैंक बनाने की वजह से इस जमात को भारत में संरक्षण प्राप्त है.यह तो बात रही तबलिगही जमात की.
आश्चर्यजनक बात यह है कि तबलिगी जमात को आखिर किस इस्लाम धर्म के प्रचार प्रसार की चिंता है जब इस्लाम धर्म का मुख्य स्थान इस बात की मनाही करता है कि इस्लाम धर्म का कोई क्या प्रचार करेगा तो इस जमात को ही क्यों पड़ी है इस्लाम का प्रचार करने की... यह तो सिर्फ धर्म का फायदा उठाकर तबलीगी जमात ने जो संस्था बनाई है ऐसी संस्थाओं को तुरंत बैन कर देना चाहिए क्योंकि इसी की वजह से मानवता दो टुकड़ों में बढ़ती है सोचिए जब मुस्लिम दो टुकड़ों में बंटे हुए हैं इस जमात को लेकर तो ....हिंदू कैसे नहीं बटेगा इन जमातियो से...
मगर एक बात यह नहीं समझ में आ रही कि सभी मुसलमानों को टारगेट करना किस हद तक जायज है इस तरह तो हिंदुओं को भी टारगेट करना चाहिए खास करके उन हिंदुओं को जो अपने आपको स्वर्ण मानकर दलितों का उत्पीड़न करते आए हैं उन हिंदुओं को टारगेट क्यों नहीं किया जाता ?..