बेटे की चाहत में अगर बेटी की बलि दी जाये तो, न तंत्र मंत्र हैं, न कोई वास्तु शाश्त्र हैं और न ही किसी प्रकार की ज्योतिष विद्या हैं | ये सिर्फ और सिर्फ अन्धविश्वाश हैं, क्योंकि पूजा किसी भी प्रकार की हो चाहे वो भगवान की हो या किसी शैतान की किसी की जान लेने से कोई पूजा सफल नहीं होती | जो मनुष्य बेटे की चाह में अपनी बेटी कुर्बान कर सकता हैं, उसकी गिनती तो इंसान में करना सबसे बड़ी बेवकूफी हैं |
मुरादाबाद में हुआ एक ऐसा हादसा, जिसने सब का दिल दहला दिया हैं, मुरादाबाद के मझोला थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया जिसको सुनकर पिता के नाम से बच्चे डर जाये | मुरादाबाद में एक व्यक्ति ने बेटे की चाहत में अपनी बेटी की बलि चढ़ा दी और उसको घर में ही दफन कर दिया | अब ये तंत्र-मंत्र समझ कर हम जैसे लोग गलती करते हैं |
कोई भी पूजा हैं, तंत्र हो या मंत्र हो ये सब किसी की जान लेना नहीं सीखाता, और न ही ये तंत्र मंत्र मनुष्य को किसी परेशानी से मुक्ति दिला सकता हैं | वो लोग खुद अपनी गलती से और अपने अन्धविश्वाश से ऐसा करते हैं | अन्धविश्वाश मनुष्य को सिवा दुःख और तकलीफ के और कुछ नहीं दे सकता हैं | जिस दिन इस बात का ज्ञान मनुष्य को हो जाएगा उस दिन शायद ये अन्धविश्वास से मानव जीवन को मुक्ति मिल जाये |
कोई तंत्र मंत्र इंसान का भला नहीं कर सकता और न ही इंसान को सुखी रख सकता हैं |
मोक्ष पाने के नाम पर ये तंत्र विद्या हमारे जीवन को किस हद तक प्रभावित कर सकती हैं, ये जानने के लिए नीचे link पर click करें :-