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अमन कुमार

amankumarlot@gmail.com | पोस्ट किया | ज्योतिष


बेटे की चाहत में बेटी की बलि, क्या ये तंत्र-मंत्र हैं या मनुष्य का अन्धविश्वाश ?


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Content Writer | पोस्ट किया


बेटे की चाहत में अगर बेटी की बलि दी जाये तो, न तंत्र मंत्र हैं, न कोई वास्तु शाश्त्र हैं और न ही किसी प्रकार की ज्योतिष विद्या हैं | ये सिर्फ और सिर्फ अन्धविश्वाश हैं, क्योंकि पूजा किसी भी प्रकार की हो चाहे वो भगवान की हो या किसीशैतान की किसी की जान लेने से कोई पूजा सफल नहीं होती | जो मनुष्य बेटे की चाह में अपनी बेटी कुर्बान कर सकता हैं, उसकी गिनती तो इंसान में करना सबसे बड़ी बेवकूफी हैं |
 
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मुरादाबाद में हुआ एक ऐसा हादसा, जिसने सब का दिल दहला दिया हैं, मुरादाबाद के मझोला थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया जिसको सुनकर पिता के नाम से बच्चे डर जाये | मुरादाबाद में एक व्यक्ति ने बेटे की चाहत में अपनी बेटी की बलि चढ़ा दी और उसको घर में ही दफन कर दिया | अब ये तंत्र-मंत्र समझ कर हम जैसे लोग गलती करते हैं |
 
 
कोई भी पूजा हैं, तंत्र हो या मंत्र हो ये सब किसी की जान लेना नहीं सीखाता, और न ही ये तंत्र मंत्र मनुष्य को किसी परेशानी से मुक्ति दिला सकता हैं | वो लोग खुद अपनी गलती से और अपने अन्धविश्वाश से ऐसा करते हैं | अन्धविश्वाश मनुष्य को सिवा दुःख और तकलीफ के और कुछ नहीं दे सकता हैं | जिस दिन इस बात का ज्ञान मनुष्य को हो जाएगा उस दिन शायद ये अन्धविश्वास से मानव जीवन को मुक्ति मिल जाये |
 
कोई तंत्र मंत्र इंसान का भला नहीं कर सकता और न ही इंसान को सुखी रख सकता हैं |
 
बेटे की चाहत में बेटी की बलि, क्या ये तंत्र-मंत्र हैं या मनुष्य का अन्धविश्वाश ?
 
मोक्ष पाने के नाम पर ये तंत्र विद्या हमारे जीवन को किस हद तक प्रभावित कर सकती हैं, 
 


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बेटे की चाहत मे बेटी की बलि देना मनुष्य का अंधविश्वास होता है, क्योंकि कुछ लोग ऐसे होते है जो बेटे क़ो पाने क़े लिए बेटियों की बलि चढ़ा देते है। सोचते है कि बेटा वंश बढेगा लेकिन गलत सोचते है, दरअसल बेटियों की वजह से वंश बढ़ता है क्योकि बेटियां वंश क़ो बढ़ाने क़े लिए एक बच्चों क़ो जन्म देती है और बच्चे का पालन -पोषण करती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते है ज़ब बहु प्रेग्नेंट होती है, तो उसके सास, ससुर चाहते है कि बहु क़ो बेटा हो इसलिए वह लिंग परीक्षण करवाते है कि बहु क़े पेट मे बेटा है या बेटी। ज़ब लिंग परीक्षण करवाने यदि पता चल जाता है तो बेटी है तो बेटी की बलि चढ़वा देते है यानि माँ क़े पेट मे ही बेटी क़ो मार दिया जाता है। लेकिन यह बिल्कुल गलत बात होती है,माँ क़े पेट मे बेटी क़ो मारना क़ानून अपराध है, लिंग परीक्षण करने वाले डॉक्टर पर केश करना चाहिए और लिंग परीक्षण करवाने वाले व्यक्तियों पर भी केश करना चाहिए। 

 

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आज क़े वर्तमान समय मे सरकार बेटी और बेटा क़ो एक सामान दर्जा देती है। लेकिन हमारे देश मे कुछ ऐसे लोग भी है, जो बेटियों क़ो बोझ समझते है, कुछ लोग बेटियों क़ो माँ क़े कोख मे मार देते है। वही कुछ लोग बेटियों पैदा होने पर बेटियों क़ो पढ़ाते -लिखाते नहीं है,क्योंकि उन्हें लगता है बेटी पराया धन है कल क़े लिए शादी करके किसी और क़े घर चली जाएगी। इसलिए सोचते है कि बेटी की जगह बेटे क़ो पढ़ाते है ताकि पढ़ -लिखकर बेटा अपने माँ -बाप क़ो कमाकर खिला सके, लेकिन आज कल क़े बेटे शादी होने क़े बाद अपने माँ -बाप क़ो कमाकर खिलाना दूर की बात दो वक़्त रोटी खाने क़ो नहीं देते है।

 

 

लेकिन माँ -बाप का अंत मे बेटा साथ नहीं देता है, बल्कि माँ -बाप का साथ बेटी देती है। ससुराल जाने क़े बाद भी माँ -बाप क़ो खाना पिना बेटी देती है, इसलिए माँ -बाप क़ो कभी भी आपने बेटी क़ो बोझ नहीं समझना चाहिए। 

 

 

 


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