DRS जिसका नाम Decision Review System है, को अब लोग इसके असली नाम से नहीं जानते, वह इसे धोनी रिव्यु सिस्टम ( Dhoni Review system ) के नाम से जानते हैं, और जाने भी क्यों न ? धोनी रिव्यु सिस्टम अर्थात धोनी द्वारा दिए गए रिव्यु किसी भी अम्पायर के रिव्यु से 100 प्रतिशत बेहतर साबित होते हैं | अब भारत पाकिस्तान के बीच हुए रविवार के मैच को ही देख लीजिये | यजुवेंद्र चहल की गेंद पर इमाम-उल-हक़ का विकेट मिलना धोनी रिव्यु सिस्टम का ही नतीजा था | जहाँ मैच के अम्पायर को उनका आउट होना नहीं दिखा वही बाज सी तेज़ नज़र वाले धोनी को वह दिख गया | धोनी की ही बदौलत भारत को उसका पहला विकेट मिला जो इस खेल के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण था |
महेंद्र सिंह धोनी के रिव्यु सिस्टम का यह कोई पहला उदाहरण नहीं था | आपको याद ही होगा जब IPL में धोनी Pune Supergiants team की तरफ से खेल रहे थे और उनकी टीम ने मुंबई इंडियंस के पोलार्ड के आउट होने की अपील की थी, परन्तु अम्पायर द्वारा सभी तरह की अपीलों को नकारा गया था | इसपर मेहन्द्र सिंह धोनी ही थे जिन्होंने DRC की मांग की थी और तीसरे अम्पायर के रिव्यु मांगे थे | नतीजा यह निकला की धोनी की टीम की अपील ठीक थी और एक बार फिर धोनी रिव्यु सिस्टम मैच के अम्पायर से अत्यधिक बेहतर था |
धोनी रिव्यु सिस्टम सचमुच में अत्यधिक बेहतर है और हमारा तो यही कहना है की भविष्य में BCCI को धोनी को ही एक अम्पायर अथवा सीनियर अम्पायर के रूप में रखना चाहिए, जिससे उनकी पैनी नज़र से क्रिकेट के सही फैसले हों सकें |