फैशन और मॉडर्न होने के लिये इस तरह के कपड़े पहन के घर से बाहर निकलना कितना उचित हैं??"
सच कहे तो पहली_नजर_में_स्कूटर_दिखा ही नही,,
पुरुष हूँ,, क्यों सच छिपाऊं,, मैं सोच रहा हूँ ,, आखिर ये हो क्या रहा है,,
नारी क्यों देख ओर समझ नही पा रही की बाजार ने उसे एक वस्तु बना दिया है,, वो क्यों विरोध नही करती,,
अगरबत्ती के ऐड में महिला,, शेविंग क्रीम के ऐड में महिला,, डिओ के ऐड में महिला की अमुक डिओ लगाओगे तो,, खिंची चली आंदी ए,, पुरुषों के इनर वियर में महिला
18 ,20 साल के लड़के_ओर_लड़कियों पर इसका क्या असर हो रहा है,, उसका समाज पर क्या असर होगा,,कुछ लड़किया कहती है कि हम क्या पहनेगे ये हम तय करेंगे....
पुरुष नहीं.....
जी बहुत अच्छी बात है.....
आप ही तय करे....
लेकिन हम पुरुष भी किस लड़की का सम्मान/मदद करेंगे ये भी हम तय करेंगे, स्त्रीया नहीं....
और हम किसी का सम्मान नहीं करेंगे इसका अर्थ ये नहीं कि हम उसका अपमान करेंगे
लड़को को संस्कारो का पाठ पढ़ाने वाला #स्त्री_समुदाय क्या इस बात का उत्तर देगा की क्या भारतीय परम्परा में ये बात शोभा देती है की एक लड़की अपने भाई या पिता के आगे अपने निजी अंगो का प्रदर्शन बेशर्मी से करे?
कौन सी माँ बहन अपने भाई बेटे के आगे अंग प्रदर्शन करती है?
भारत में तो ऐसा कभी नहीं होता था....
सत्य ये है की अश्लीलता को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता। ये कम उम्र के बच्चों को यौन_अपराधो_की_तरफ_ले_जाने_वाली_एक_नशे_की_दूकान है।।
मष्तिष्क_विज्ञान के अनुसार 4 तरह के नशो में एक नशा अश्लीलता(सेक्स) भी है।
आखिर में हमे ,, नॉन प्रोग्रेसिव या रूढ़िवादी भी कहा जा सकता है,..
लेकिन हमारी बातो को जरा ठंडे दिमाग से सोचिये और किसी को बुरा लगे तो दिल से क्षमा चाहते है।।
#वक्त_है_बदलाव_का