Home maker | पोस्ट किया |
| पोस्ट किया
जया प्रदा और आजम खान के बीच की रंजिश से फायदा सिर्फ आजम खान को होगा. इसके पीछे की वजह साफ है आपको मालूम होना चाहिए कि जया प्रदा कभी इसी रामपुर संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की सांसद हुआ करती थी. इसके पीछे की एक बड़ी वजह यह है कि रामपुर मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्र है और एक जमाने में मुस्लिम समुदाय के लोग जया प्रदा के बहुत बड़े फैन हुआ करते थें.
इस बार जया प्रदा भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं और लड़ाई सीधी है. कई बार लोकसभा की सदस्य रहीं जया जानती हैं कि सपा और बसपा के गठबंधन होने की वजह से लड़ाई बेहद कठिन है और उपर से इस सीट से कांग्रेस ने बेगम नूर बानो को टिकट नहीं दिया है. अगर बेगम नूर बानो कांग्रेस की उम्मीदवार होती तो त्रिकोणिय लड़ाई का लाभ जया प्रदा को मिल सकता था.
जया प्रदा जितना आजम खान को कोसेंगी, आजम के पक्ष में मुस्लिम वोटों का उतनी ही तेजी से धु्रवीकरण होगा. उपर से यादव वोटर, दलित वोटर और जाट वोटर पहले से ही आजम के साथ हैं. बेहतर होगा कि जया प्रदा आजम खान से झगड़ा करने की बजाय उनके वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश करें अन्यथा आजम खान अभी चुनावी संघर्ष में उनसे आगे दिखाई दे रहे हैं.
वहीं इस बार से यहां से चुनावी मैदान में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे संजय कपूर के साथ भी अच्छा खासा हिंदू वोट जाता दिख रहा है, जो जया के लिए खतरे की घंटी है.
0 टिप्पणी