नमस्कार सिमरन जी ,बहुत ही अच्छा सवाल है आपका ,क्योकि आपके इस सवाल से काफी लोगो के जवाब जुड़े हुए है, ऐसे सवाल हम अक्सर खुद से करते है पर उसका जवाब नहीं सोचते क्योकि समय ही नहीं है हमारे पास ,क्या करे हम समझ ही नहीं आता ?
वर्तमान समय ही ऐसा है ,यहाँ लोगो को सब कुछ ज्यादा चाहिए | सोचो तो बड़ा ,करो तो बड़ा ,बस बड़ा करने के चक्कर में हम और आप अपनी कितनी छोटी-छोटी खुशियाँ ख़त्म खो रहे है ये कोई नहीं सोचता | हम अपने भविष्य को लेकर इतना चिंतित रहते है कि हमसे और लोग भी जुड़े हुए है ये भूल ही जाते है | हम अपने अपनों को दुनिया में सब कुछ देने कि दौड़ में इतना व्यस्त हो जाते है कि हम उन्हें सब कुछ देते है सिवा अपने साथ और वक़्त के |
हम अपने बच्चो के भविष्य को बनाने में इतना व्यस्त रहते है इतनी मेहनत करते है,उनकी नौकरी उनकी शादी और भविष्य के बारे में सब कुछ सेट कर के रखते है पर उनका जन्मदिन ही भूल जाते है | ये हमारे जीवन कि छोटी-छोटी ख़ुशी होती है ,जो हमारे पास होती है पर हम बस बड़ा और बहुत बड़ा यही कहते हुए इन छोटी खुशियों को महत्व नहीं देते | फिर एक निश्चित समय बाद हमारे हाथ से वो समय चला जाता है |
बेशक बड़ा सोचो ,बड़े बनो पर अपनी ज़िंदगी की छोटी-छोटी खुशियों को भी महत्व दो ,अपने आस-पास के लोगो को भी महत्व दो ,उनको समय-समय पर ये महसूस करवाते रहो की वो आपके लिए कितने महत्वपूर्ण है |