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mudas saraziz

Blogger | पोस्ट किया |


यदि आप भारत के प्रधानमंत्री होते तो आज के हालात के अनुसार, क्या क्या कदम उठाते?


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Occupation | पोस्ट किया


यदि मै भारत का प्रधानमंत्री होता तो आज भारत मे जो हालात है उनको सुधारने के लिए हर एक कदम उठाता, जैसे कि देश मे लोग बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे है उनके लिए मै कुछ ना कुछ योजनाएं निकलता जिससे वह अपना खुद का कोई व्यापार शुरू कर सकते।


मै अपने देश प्रधानमंत्री होता तो शिक्षा प्रणाली पर भी काफ़ी सुधार करने की कोशिश करता, क्योकि हमारे देश की शिक्षा बहुत ही पीछे है आज भी बहुत से घरों मे ग़रीबी होने के कारण बच्चो को उच्च शिक्षा नहीं मिल पाती है। मै गरीब परिवार के बच्चो के लिए निःशुल्क शिक्षा दिलवाने की व्यवस्था करता ताकि गरीब बच्चो भी पढ़ लिख कर आगे बढ़ने का मौका मिले।Letsdiskuss


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| पोस्ट किया


आज यहां पर सवाल पूछा गया है कि यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो मैं देश के लिए क्या करता है आइए मैं आपको यहां पर विस्तार से बताता हूं। सबसे पहले तो मैं अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली समझता क्योंकि मुझे लोगों को ही सेवा करने का अवसर मिलता है। इसके अलावा लोकतंत्र में प्रधानमंत्री की बहुत इज्जत होती है लोग उनसे विनम्रता इज्जत से पेश आते हैं। इसके अलावा मैं अपने भारत के लिए बहुत से काम करता जैसे कि गरीब बच्चों के लिए स्कूल खुलवाता, मुफ्त में दवाई करवाने के लिए हॉस्पिटल बनवाते, इस तरह और बहुत से कार्य करवाता।Letsdiskuss


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| पोस्ट किया


अगर मैं भारत का सम्मानित प्रधानमंत्री होता तो भारत को एक स्वस्थ एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाता। मैं भारतीय सेना को दुनिया में सबसे ताकतवर बनाने कोशिश करता मैं भारत से गरीबी और बेरोजगारी को दूर करना चाहता। मेरा लक्ष्य शत-प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करने का भी होता। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कदम उठाता। मैं जरूरतमंद व्यक्तियों को पुरानी पेंशन आज बेरोजगारी भत्ता देता। मैं अपने देश प्रधानमंत्री होता तो शिक्षा प्राणली पर भी काफी सुधार करने की कोशिश करता। क्योंकि हमारे देश की शिक्षा बहुत ही पीछे है। आज भी बहुत से घरों में गरीबी होने के कारण बच्चों को उच्च शिक्षा नहीं मिल पाती है।Letsdiskuss


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pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | पोस्ट किया


सबसे पहले तो जब 500 के आसपास क्रोना वायरस के मरीज थे तब सभी परदेसियों को अपने-अपने राज्य लोट जाने का आदेश दे देता. प्रदेशों के लिए उनके राज्य भेजने के लिए उचित सुविधा उपलब्ध करवाता. मगर सरकार ने यह फैसला उस समय लिया जब क्रोना वायरस के 35000 के आसपास मरीज हो जाते हैं उसके बाद कहा जाता है कि प्रवासियों को उनके राज्यों में भेजने का प्रबंध किया जाएगा बात वही पड़ जाती हैं आप अगर 500 मरीज थे उस वक्त प्रवासियों को अपने राज्य लौटने के लिए उचित प्रबंध करते तो आज जो प्रवासी लोग भूखे मर रहे हैं इतनी दूर से पैदल चल कर आ रहे हैं. पैसों की दिक्कत हो रही हैं.इतनी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं ऐसा बिल्कुल नहीं होता.मगर मोदी जी के पास पहले से कोई योजना नहीं होती है वह सिर्फ अंधेरे में ही तीर चलाना जानते हैं.

बिजली का बिल माफ करवाना तो एकदम लाजमी है इसको तो माफ करने के आदेश तुरंत दे देता.ताकि जो लोग शहरों में फंसे हुए हैं और जो शहरों में रहते ही हैं उनको बिजली का बिल नहीं देने देता. ऐसे समय में अगर सरकार बिजली का बिल लेती है तो यह सरकार कभी भी जनता के हित के लिए नहीं हो सकती है क्योंकि सरकार को केवल अपनी सत्ता और पैसों से ही मतलब है.


जितनी भी छोटी कंपनीया है उनको आर्थिक मदद उपलब्ध करवाता ताकि वह कंपनियां अपने कर्मचारियों को वेतन देने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं करती. बहुत सी कंपनियों का कहना है कि हमने मार्च महीने का वेतन तो पूरा दे दिया था मगर अप्रैल महीने का वेतन कैसे देते. छोटे कारोबारियों के लिए अपने कर्मचारियों को पैसा देना बहुत मुश्किल है उनके लिए उचित पैकेज का ऐलान करता. जरूरतमंदों को सीधे आर्थिक सहायता प्रदान करता उनको राशन उपलब्ध करवाता.

किराया तो जरूर माफ करवाता और इसके लिए एक अलग से कानून बनवाता उस कानून में सीधे 3 महीने का किराया माफ करवाता और अगर कोई मकान मालिक किसी किराएदार से किराया मांगता तो उस पर एक लाख का जुर्माना और 5 साल की कड़ी सजा का प्रावधान होता. ऐसी खबरें मिल रही है कि अधिकतर मकान मालिक किराए नहीं माफ कर रहे हैं जिस वजह से प्रवासी लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां पर प्रधानमंत्री ने सिर्फ इतना ही कहा है कि कोई भी मकान मालिक अपने किराएदार से कहना लें मगर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का ऐलान नहीं किया है हां ऐसा कर भी कैसे सकते थे वोट भी तो चाहिए.

छात्रों के लिए यूजीसी से कहकर कॉलेज और यूनिवर्सिटी की फीस को माफ करवाता.अगर यूजीसी नहीं सहमत होता तो उसको आर्थिक सहायता देता ताकि वह भी सहमत हो जाता फीस माफ करने के लिए..क्योंकि ऐसे हालातों में किसी के पास पैसे फीस देने के लिए नहीं होंगे छात्रों को यह रहा तो जरूर प्रदान करवाता ताकि कोई भी छात्र पैसों की तंगी की वजह से ज्यादा परेशानियां नहीं झेलता. मगर ऐसा हमारे देश के प्रधानमंत्री नहीं करेंगे.




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| पोस्ट किया


यदि मै भारत की प्रधानमंत्री होती है, आज जो हालात है भारत मे है,उसको सुधारने के लिए हमें सख्त कदम उठाने होंगे जैसे कि भारत मे रोजाना बलत्कार से जुड़े मामले सुनने क़ो मिलते है, लड़कियों के साथ बलात्कार होता है तो मुजरिम क़ो सज़ा दिलाने से पुलिस वाले भी डरते है, ऐसे मे मै उन मुजरिम क़ो सज़ा दिलवाने के लिए हर एक कोशिश करना चाहती हूँ ताकि हमारे भारत मे बलत्कार जैसे मामलो क़ो लेकर लड़कियों क़ो इंसाफ मिल सके।Letsdiskuss


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