सवाल बहुत लंबे समय से बहस योग्य रहा है। Barack Obama LGBTQ समुदाय को मार्गदर्शन प्रदान करते हुनज़र आये तो , तो Trump इस मुद्दे को फिर से उठाते दिखे, परन्तु यह मुद्दा किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा |
ऐसे भी बहुत से मामले हैं जहां ट्रांसजेंडर को वाशरूम का उपयोग करने से पहले अपने पहचान प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
जिस बारे में हम बात कटर रहे हैं, यह हमेशा हर व्यक्ति के मूल अधिकारों के लिए एक बड़ा खतरा रहा है | समाज के एक निश्चित वर्ग की निजी ज़िन्दगी को उजागर करने से उन्हें विभिन्न स्तरों पर यौन हमले और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।
कई जगहों पर,LGBTQ समुदाय के व्यक्तियों को अपने जैविक यौन अंगो के अनुसार वाशरूम का उपयोग करने की अनुमति है, न कि उनकी लिंग पहचान पर | लिंग, और लिंग पहचान मेल नहीं खाते तो शर्म की समस्या उत्पन्न होती है जो अक्सर अवसादग्रस्त और आत्मघाती होती है।
तथ्य यह है कि अलग-अलग रूपों में लिंग पहचान मांगते समय हमारे पास LGBTQ समुदाय के लिए एक अलग श्रेणी है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, व्यवसायों, कार्यालयों और अन्य संस्थानों में उनके लिए प्रावधान नहीं हैं | इससे यह पता चलता है कि हम जो दिखाते या नाटक करते है बोलने में, उसे असल ज़िन्दगी में अपनाने में असफल हैं |
तो हाँ, LGBTQ समुदाय के लिए अलग-अलग सार्वजनिक वाशरूम होने चाहिए और ये सही भी है, बल्कि बहुत जरूरी है। इसका मतलब यह होगा कि समाज ने न केवल उन्हें पहचानना व समझना ही नहीं, बल्कि विभिन्न लिंग पहचानों को स्वीकार करना शुरू कर दिया है, और हम केवल पुरुष-मादा के कांसेप्ट से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।
Translated From English by Letsdiskuss