वर्तमान समय में लोग अपने काम में इतना व्यस्त होते हैं, कि सबको नज़रअंदाज़ ही करते हैं | उन्हें किसी से भी कोई मतलब नहीं होता | कहीं तो हाल ऐसा हैं, चाहे कुछ भी होता रहें, गलत हो या सही किसी को मतलब ही नहीं होता | सभी बातों को नज़रअंदाज़ करना उनकी आदत में आ जाता हैं, और कई बार वो अपनी इस आदत के चलते अपनों की बातों को भी नज़रअंदाज़ कर देता हैं |
मनुष्य का हर बात को नज़रअंदाज़ करना, सिर्फ इस बात को ही नहीं दर्शाता कि वो किसी से मतलब नहीं रखता, बल्कि इस बात को भी दर्शाता हैं, कि समाज में होने वाली अच्छाई
व बुराई उसको उससे भी कोईमतलब नहीं हैं, मगर कई बार मनुष्य की ये आदत उसको बहुत परेशानी में डाल देती हैं |
क्यों करते हैं नज़रअंदाज़ :-
- व्यस्तता :- (Busy )
मनुष्य अपने काम में इतना व्यस्त रहने लगा हैं, कि उसने अपने आस-पास एक time limit set कर दिया हैं | कब कितने समय कहाँ जाना हैं, ये सब पहले से निर्धारित कर लेता हैं | इसलिए उसके पास किसी और चीज़ के लिए समय नहीं |
- जल्द बाज़ी :- (Hurry )
वर्तमान समय में मनुष्य इतनी जल्दी में होता हैं, उसको किसी के लिए भी समय नहीं होता | वो सिर्फ अपने से मतलब रखता हैं, औरउसको हर काम की जल्दी होती हैं,इससे कई बार वो अपना काम बिगाड़ लेता हैं |
- असफल होने से डर :- (Fear of failure
)
मनुष्य अधिकतर उस काम कोIgnore
करता हैं, जिसमें उसको असफल होने का डर होता हैं, क्योकिं उसको लगता हैं, कि अगर वो इस काम में असफल होगा तो दुनियां उस पर हसेगी |
- आत्मविश्वाश में कमी :- (Lack of self confidence )
अक्सर वही लोग किसी भी बात को नज़रअंदाज़ करते हैं, जिनमें आत्मविश्वाश की कमी होती है | मनुष्य का खुद उस पर भरोसा न करना ही किसी भी काम को नज़रअंदाज़ करने का एक प्रमुख कारण हो सकता हैं |
- हिम्मत की कमी :- (Lack of courage
)
अक्सर हम या आप ग़लत होते हुए देखते हैं, पर हम में इतनी हिम्मत नहीं, कि हम उस ग़लत को रोक सकें, इसलिये हम उस ग़लत बात को भी नज़रअंदाज़ कर देते हैं |
मुझे लगता हैं, हमारा इस तरह किसी भी बात को नज़रअंदाज़ करना, कहीं न कहीं जुर्म को बढ़ावा देना हैं |