राहुल गाँधी का मोदी जी से गले मिलना काफी चर्चा में हैं, अब ये समझ नहीं आ रहा हैं, कि इस चर्चा को राजनीती नाम दिया जाये, या media के द्वारा की जाने वाली अपनी publicity चलो जो भी हैं, चर्चा तो हैं, और वो भी ऐसी जिसके बारें में किसी ने कभी नहीं सोचा |
जैसा कि, सभी जानते हैं, कि हमेशा से ही राहुल गाँधी और मोदी जी के बीच चूहे-बिल्ली का खेल चलता
रहा हैं, या फिर कह सकते हैं, कि BJP और Congress ने हमेशा एक दूसरे कि टांग ही खींची हैं | फिर अचानक से कुछ ऐसा हो जाये, जो किसी ने सोचा नहीं, तो स्वाभाविक सी बात हैं, ये तो चर्चा का विषय बनेगा ही | जैसा कि, ये मुद्दा बना हैं | राहुल गाँधी का अचानक से मोदी जी के गले लग जाना, असोचनीय विचार से कम नहीं हैं |
लोकसभा सदन में अविश्वास प्रस्ताव के भाषण देने के बाद राहुल गांधी,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक से गले लग गए | सभी लोग राहुल गाँधी के इस अंदाज़ से हैरान थे | राहुल गांधी के इस अविश्वसनीय अंदाज पर सभी ने अपनी अलग-अलग प्रतिकिर्या व्यक्त की,स्पीकर सहित मोदी सरकार के कई मंत्री और बीजेपी पार्टी के कई नेताओं ने इसे गैर जरूरी बताया, पर वहीं कुछ नेताओं ने राहुल गांधी के इस अंदाज की तारीफ की है |
इस प्रक्रिया पर राजनाथ सिंह ने कहा कि "राहुल गांधी ने ऐसा कर के लोकसभा में "चिपको आंदोलन" की शुरुआत की है " इस बात का उन्होंने विरोध किया हैं |