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English


Ruchika Dutta

Teacher | पोस्ट किया | ज्योतिष


शादी के समय सात फेरे ही क्यों लिए जाते हैं ?


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| पोस्ट किया


क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे हिंदू धर्म में शादी के वक्त हमेशा साथ फेरे ही क्यों लिए जाते हैं बल्कि 8 या फिर नो फेरे क्यों नहीं लिए जाते चलिए हम आपको इसकी जानकारी देते हैं। हमारे हिंदू धर्म में शादी का मतलब सात जन्मों का साथ होता है। यदि किसी व्यक्ति के साथ एक बार फेरा है ले लिया तो उस रिश्ते को सात जन्मों तक निभाने का वादा किया जाता है। हमारे हिंदू धर्म में सोलह संस्कार होते हैं उन्हीं में से एक संस्कार है विवाह। जब विवाह के समय पंडित कई सारे मंत्र बोलता है तभी लड़का और लड़की सात फेरे लेते हैं सात फेरे लेते हो तो पंडित संस्कृत भाषा में मंत्र बोलता है।Letsdiskuss


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Content Writer | पोस्ट किया


बहुत ही अच्छा सवाल पूछा आपने | क्योकि अक्सर सभी सिर्फ यही जानते हैं, कि शादी में 7 फेरे लिए जाते हैं, परन्तु केवल साथ फेरे ही क्यों लेते हैं, आठ फेरे क्यों नहीं लिए जाते | ये सवाल जितना सोचनीय हैं, उतना ही दिलचस्प भी है | चलिए आपके इस सवाल का जवाब हम आपको देते हैं, कि शादी के समय केवल सात फेरे ही क्यों लिए जाते हैं |


जैसा कि हफ्ते में सात दिन होते हैं, और हर दिन का अपना एक नया रंग रूप होता है | उसी प्रकार पति और पत्नी का बंधन भी 7 जन्मो के लिए माना जाता है, और इसके आधार पर ही सात फेरे लेने की प्रक्रिया है | हर फेरे में पति और पत्नी दोनों को एक वचन लेना होता है, और हर वचन का अपना ही एक मतलब होता है |

सात फेरे और सात वचन का महत्व -

कन्या द्वारा मांगे वचन -

- पहला वचन :- पहले फेरा इस बात के वचन के लिए होता है, कि जब भी पति कोई पूजा या यज्ञ और कोई भी शुभ काम करें तो अपनी पत्नी के साथ करें |

- दूसरा वचन :- जब भी पति किसी भी प्रकार का दान या पुण्य करें तो अपनी पत्नी की सहमति और उसके साथ करें |

- तीसरा वचन :- पत्नी किसी भी अवस्था अर्थात युवावस्था, प्रौढ़ावस्था या वृद्धावस्था में हो पति उसका हमेशा पालन पोषण करें |

- चौथा वचन :- अगर पति किसी भी प्रकार से धन या संग्रह करें तो अपनी पत्नी को इस बारें में जरूर बताए |

- पांचवा वचन :- किसी भी प्रकार की खरीदी हो ज़मीन या पशुओं की वो पत्नी की सहमति के साथ करें |

- छठा वचन :- मौसम में जितने भी बदलाव हो , ठण्ड हो, गर्मी हो, बारिश हो या वसंत हो किसी भी ऋतू में पत्नी का पालन पोषण
की व्यवस्था हर हाल में हर ऋतू में केवल पति को ही करना होगा |

- सातवाँ वचन :- सातवें वचन में पत्नी अपने पति से ये मांगती है, कि पति कभी भी पत्नी की किसी भी सहेली के सामने उसका मजाक नहीं बनाएँगे और न ही पत्नी को कभी अपशब्द कहेंगे |

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वर द्वारा मांगे वचन -

पहला वचन :- पत्नी कभी भी बिना अपने पति की अनुमति के कहीं नहीं जाएगी |

दूसरा वचन :- जो लोग शराब का सेवन करते हैं, ऐसे लोगों के सामने पत्नी कभी नहीं जाएगी |

तीसरा वचन :- पति की आज्ञा के बिना पत्नी अपने माता-पिता के घर भी नहीं जाएगी |

चौथा वचन :- पत्नी धर्म और शास्त्रों के अनुसार अपने पति की किसी भी आया का उलंघन नहीं करेगी |

पांचवा वचन :- पांचवा वचन पति अपनी पत्नी से यह मांगता है, कि पहले मांगे गए 4 वचन को जब वो पूरा करें तो पत्नी पूरी तरह
अपने पति की ज़िंदगी में शामिल हो सकती है |


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Occupation | पोस्ट किया


हिंदू धर्म मे शादी के समय सात फेरे लेने का संबंध सात जन्मों का बंधन होता है,शादी में वर-वधू के सात फेरे लेने की प्रक्रिया को सप्तपदी भी कहते है। शादी के समय वर -वधु सात फेरो के साथ जीवन भर अग्नि को साक्षी मानकर साथ रहने की कसमें वादे करते है और सात जन्मों तक तन, मन और आत्मा से पति-पत्नी के रिश्ते मे बंध जाते है।

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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | पोस्ट किया


जैसा कि हम सबको पता है कि शादी के सात फेरे शादी की मानता के लिए बहुत ही जरूरी होते हैं जिसमें पति पत्नी एक दूसरे को वचन देते हैं कि वह जीवन भर हर सुख दुख में साथ रहेंगे। यह फेरे अग्नि को साक्षी मानकर वर-वधू सात जन्मों के लिए तन मन से पति पत्नी के रिश्ते को निभाने की कसम खाते हैं। इस परंपरा को हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्त्व दी जाती है और वर वधु को सभी लोगों का आशीर्वाद प्रदान होता है।Letsdiskuss


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| पोस्ट किया


दोस्तों आप ने बहुत से शादियों में देखा होगा कि शादी में वर और वधू सात फेरे लेते हैं पर क्या आप जानते हैं कि शादी के समय सात फेरे क्यों लिए जाते हैं यदि नहीं जानते तो चलिए हम आपको बताते हैं हिंदू मान्यता के अनुसार शादी में यदि सात फेरे नहीं लिए गए हैं तो शादी पूरी नहीं मानी जाती है। सात फेरे के साथ अलग-अलग वचन होते हैं जिसमें 3 फेरे में वर आगे हो आगे होता है और 4 फेरे में वधू आगे होती है। वर वधु को जीवन भर साथ निभाने का वादा करता है । हिंदू धर्म में शादी के समय सात फेरों का विशेष महत्व होता है।

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