जैसा कि हिन्दू धर्म में कई त्यौहार होते हैं जो कि अपने आप में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं । ऐसा ही एक त्यौहार है दीवाली जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण है । इस साल दीवाली 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी और जिसका शुभ महूर्त शाम 6:42 से 8:12 मिनिट का है । दीवाली में पूजन और उसको मानाने के लिए यह बात कही जाती है कि इस दिन भगवान राम 14 साल का वनवास काट कर अयोध्या वापस आए थे । दीवाली हर साल कार्तिक की अमावस्या को आता है ।
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दीवाली पूजा सामग्री :-
- माँ लक्ष्मी,गणेश और माँ सरस्वती की प्रतिमा (स्वेक्षा के अनुसार चांदी के बनवा सकते हैं),लकड़ी की चौकी,लाल कपड़ा,सफ़ेद कपड़ा,पूजा की एक थाली,मिट्टी का दीपक,तुलसी के पत्ते,धूप और अगरबत्ती,कपूर,चन्दन,केसर, चावल,हल्दी,लाल टिका,सुपारी,पान के पत्ते,रुई,फूल माला,चाँदी का सिक्का,सोने के आभूषण (पूजा के लिए ),पंचमेवा,शुद्ध घी,दूध,दही,शहद,शक्कर,नारियल,खील-बताशे,गंगाजल,दूर्वा,इत्र,वस्त्र (आवश्यकता के अनुसार ),फल,मिठाई
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पूजा विधि :-
सबसे पहले कलश स्थापना करें जिसके लिए सबसे पहले एक ताम्बे का कलश लेकर उसमें आम की पत्ती डालें और उसके ऊपर लाल कपड़े से बंधा एक नारियल रख दें, अब उसको पूजा स्थान पर रखें । अब इसके बाद पृथ्वी का पूजन करें और इसके बाद कलश का पूजन करें और उसके बाद गौरी गणेश का पूजन करना चाहिए। दीवाली के दिन लक्ष्मी और कुबेर दोनों का पूजन किया जाता है । फल और मिठाई का भोग लगाएं और इस तरह दीवाली का पूजन करें ।
दीपक जलायें और आरती करें इसके बाद कई सारे दीपक जलाएं और उन्हें पूरे घर में और घर के बाहर लगा लें । इससे आपके घर में लक्ष्मी जी का आगमन होता है । सभी को मिठाई बांटें और दीवाली की शुभकामना दें ।