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इसरो के वैज्ञानिक नम्बि नारायणन का नाम वैसे तो इतना फेमस नहीं है, पर यह वही वैज्ञानिक है जिन्होंने 1970 में क्रायोजेनिक रॉकेट की टेक्निक में बहुत बड़ा रोल अदा किया था। वैसे तो ऐसे वैज्ञानिक की तारीफ करनी चाहिए पर यहां पर हमारे देश में कुछ उल्टा हुआ है। नम्बि नारायणन के खिलाफ जासूसी के आरोप में उनको नौकरी से बेदखल कर दिया गया और उनको गद्दार भी करार दिया गया। हालांकि बाद में मामला कुछ और नजर आया, जिसमें इनको फसाया गया था ऐसा पूरी तरह से पाया गया था।
सौजन्य: अचूक समाचार
इनको फसाने वाले का नाम था रतन सहगल, जो कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का बहुत करीबी था। रतन सहगल खुद जब आईबी में थे तब उनके ऊपर जासूसी के आरोप लगे थे। कहा जाता था कि वह अमेरिकन एजेंसी सीआईए के लिए काम करते थे और उसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था। और अब वह अमेरिका में रहते हैं। यह सारी बातें हाल ही में सामने आई है और इसलिए कहा था जाता है कि इसमें पूर्व राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति अंसारी का भी कहीं न कहीं हाथ था। वैसे कि सुप्रीम कोर्ट ने नम्बि नारायणन को सारे आरोपों से मुक्त कर दिया था और अभी वह उनको मोदी सरकार की ओर से उनको पद्मभूषण अवॉर्ड भी मिला है, पर अभी तक यह बात सामने नहीं आई है इसके पीछे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कोई रोल था कि नहीं।
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