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अंतरिक्ष जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा से अंतरिक्ष से लौट के आने के बाद भारत मे अक्सर लोग पूछा करते थे की अंतरिक्ष मे उन्होंने क्या देखा? क्या उनकी मुलाकात भगवान से हुई।
इस बात पर राकेश शर्मा कहते थे कि -" नही मुझे वहाँ भगवान नही मिले "
राकेश शर्मा सन् 1984 मे अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे। इंदिरा गाँधी 1984 से पहले भारतीय कार्यक्रमो को शुरू करने के लिए प्रयासरत थी। इसके लिए वो सोवियत संघ की मदद ले रही थी। राकेश शर्मा को 50 फ़ाइटर पायलटो मे टेस्ट के बाद चुना गया था। इसके अलावा रवीश मल्होत्रा को भी इस टेस्ट मे चुना गया था और इन दोनो को रूस प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। राकेश शर्मा बताते है - की अंतरिक्ष मे आपके पैरो के नीचे किसी भी वजन का अहसास नही है आप पूरी तरह से हवा में तैरते रहते हैं, इसलिए हमे खुद को थाम कर रखने का कोई उपाय करना था।
जब प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने राकेश शर्मा से पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है तो उन्होंने हिंदी में जवाब दिया - सारे जहाँ से अच्छा।
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जैसा कि आप सभी जानते हैं कि अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति ही राकेश शर्मा जी हैं और जब राकेश शर्मा जी अंतरिक्ष से वापस लौटकर आते हैं तो लोग उनसे तरह-तरह के सवाल करते हैं लोगों के द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए राकेश शर्मा जी बताते हैं कि वह अंतरिक्ष में क्या-क्या देखते हैं राकेश शर्मा जी कहते हैं कि जब वह अंतरिक्ष पर गए तो उन्हें खुद के वजन का एहसास नहीं पता चल पाता है जब आप अंतरिक्ष पर पैर रखते हैं तो आपको ऐसा लगता है कि आप वहां पर तैर रहे हैं, इसलिए अंतरिक्ष पर रहने के लिए सबसे पहले इस बात का पता लगाना होगा कि वहां पर खुद के वजन को कैसे कंट्रोल किया जा सके, इसके अलावा जब इंदिरा गांधी जी राकेश शर्मा से ही सवाल करती है कि अंतरिक्ष से भारत देश दिखने में कैसा दिखता है तो राकेश शर्मा जी कहते हैं कि सारे जहां से अच्छा।
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