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केले को संस्कृत में क्या कहते हैं, केले के फल को संस्कृत में कदलीफलम कहते हैं। बंगाल में केले की खेती होती है। कच्चे केले की सब्जी बनती है और पके केले को फल के रूप में खाया जाता है। केले के वृक्ष का हिंदू संस्कृति में भगवान विष्णु का प्रतीक है। मान्यता है कि केले के वृक्ष में भगवान विष्णु निवास करते हैं। केले का पेड़ सुख समृद्धि का प्रतीक होता है।
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दोस्तों आईएएस के इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवार से पूछा गया कि केला फल को संस्कृत में क्या कहते हैं तब उम्मीदवार ने कुछ समय तक सोचा और फिर इस प्रश्न का उत्तर दिया कि सर केला फल को संस्कृत में कदलीफल कहते हैं केला ऐसा फल होता है जो बहुत लोगों को पसंद होता है। केला में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है यदि केला को कोई दुबला पतला इंसान दूध के साथ डेली सुबह खाए तो उस इंसान की हेल्थ कुछ ही हफ्तों में बेहतर हो जाएगी।
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केला बहुत ही स्वादिष्ट फल होता है। जिसे काफी लोग खाना पसंद करते हैं। केले के फल को संस्कृत में कदलीफलम कहते हैं। केले को दो तरीके से उपयोग कर सकते हैं। पके केले को तो लोग खाते हैं और कच्चे केले की सब्जी बना कर खा सकते हैं। कच्चे केले की सब्जी खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होती है। माना जाता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है और महिलाएं जब भी गुरुवार का व्रत रखती हैं तो वह केले के पेड़ के नीचे बैठकर पूजा व्रत कथा करती हैं। केला का पेड़ एकमात्र ऐसा पेड़ है जिसमें लकड़ी नहीं पाई जाती।
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