पुलवामा घटना लोगों के ज़हन से दूर नहीं हो पा रही है | यह ऐसी घटना है जिसका असर लोगों के दिल और दिमाग दोनों पर इस तरह है कि लोग सोच नहीं पा रहे हैं | घर पर जो लोग समाचार पर इस घटना का विवरण देखते हैं, उनका कहना सिर्फ इतना है कि जो हुआ बहुत ग़लत हुआ और ऐसा नहीं होना चाहिए था | ज्यादा हुआ तो इंडिया गेट पर प्रोटेस्ट करने चले गए | यह सब कुछ एक हफ्ते या एक महीने चलेगा उसके बाद लोग सब भूल जाएंगे |
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इतनी बड़ी घटना के बाद पूरा देश जहाँ सदमे में हैं, वही देश के राजनेता ऐसे हैं जो अपनी राजनीती से बाज़ नहीं आ रहे हैं | BJP हो या कांग्रेस या फिर कोई भी पार्टी किसी को इस घटना को लेकर राजनीती नहीं करना चाहिए |
पुलवामा के इस आतंकी हमले के बाद वैसे ही इतनी गरमा-गर्मी का माहौल हुआ उस पर BJP अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को अपने एक बयान में कहा कि "इन जवानों ने हमारी सेना, हमारे सुरक्षाबलों की वीरता की परंपरा को आगे बढ़ाने का जो काम किया है, उस पर मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार इनके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देगी। इनके बलिदान का निश्चित रूप से माकूल जवाब हमारी सेना के जवानों द्वारा दिया जाएगा।’’
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जिसके पकट वार पर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "देश के नागरिक के तौर पर हमें पुलवामा की घटना पर आक्रोश प्रकट करने का पूरा अधिकार है , लेकिन अगर कोई राजनीतिक दल या संगठन इस मामले में राजनीति करता है या राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करता है , तो मुझे लगता है कि देश की जनता इसे उपयुक्त नहीं समझेगी और माफ भी नहीं करेगी "
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मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बिलकुल सही कहा | ऐसी घटनाओं में किसी प्रकार की कोई राजनीती नहीं करना चाहिए | अगर आप राजनीती करते हैं, तो ये देश का और शहीद हुए जवानों का अपमान करने वाली बात होगी |