वैसे तो किसी भी व्यक्ति के जीवन में कई ऐसे लम्हें आते है जब आप काँप कही भी किसी भी बिना कुछ सोचें सार्वजनिक स्थल पर रो सकते हो लेकिन आज मैं अपने जीवन से जुड़ी एक घटना आपसे शेयर करना चाहती हूँ की मेरे साथ ऐसा कब हुआ था |
courtesy-Voices of Youth
यह बात साल 2015 की है जब मैं अपने स्कूल कई सालों बाद गयी थी, स्कूल ने मुझे सालाना अवसर पर एक गेस्ट के रूप में बुलाया था और उस दिन वहां जा कर खुद की अहमियत के बारें में पता चला, जब ज़ोरो शोरों से मेरा स्वागत किया गया और मुझे अतिथि से भी ज्यादा बढ़ कर समझा गया | उस दिन मेरे जीवन काल में मैंने अपना पूरा स्कूल में बिताया हुआ समय याद किया और अपनी पुरानी यादों को तरोताज़ा किया, और जब मुझे स्टेज पर दो शब्द कहने के लिए बुलाया गया तो मुझसे रहा नहीं गया मैं अपनी स्कूल से जुड़ी यादों को और जो जो मैंने सीखा है वहां से उन सभी बातों का व्याख्यान करते वक़्त रो पड़ी | इसलिए कहा जा सकता है के स्कूल की इस घटना ने मुझे सबके सामने सार्वजनिक स्थल पर रुला दिया |