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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | पोस्ट किया
लाफ़िंग गैस को ही हंसाने वाली गैस कहा जाता है!जो एक वैज्ञानिक नाम है नाइट्रस ऑक्साइड. ये एक रंगहीन गैस होती है जिसका कोई रंग नहीं होता है. इसको गंधहीन गैस भी कहते है.इसको एक अँग्रेज़ वैज्ञानिक जोज़फ़ प्रीस्टली नामक व्यक्ति ने 1793 में इसकी खोज की थी.
इसका यूज मनोरंजन के लिए किया जाता है. अमरीका देश में डॉक्टर होरेस वैल्स ने एक प्रदर्शन के चलते देखा कि अगर इस गैस को वह इंसान सुंग ले जिसको चोट लगी है लेकिन उसे दर्द की अनुभूति नहीं होंगी . डॉक्टर हॉरेस वैल्स ने इसका यूज़ दाँत निकालने में किया था जो किसी हद तक कामयाब रहा किन्तु चिकित्सा द्वारा इसे पूरी तरह से सफल नहीं माना.
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लाफिंग गैस को नाइट्रस ऑक्साइड गैस कहते है। लाफिंग गैस उस गैस को कहते है, ज़ब किसी जगह अचानक जैसे अपने किसी मूवी या टीवी सीरियल मे देखे होंगे जिसमे अचनाक से कोई गैस छोड़ दी जाती है जिस वजह से लोग हँसने लग जाते है उस गैस को लाफिंग गैस कहते है। कह सकते है कि बहुत से लोग किसी कारण से वह उदास रहते है तो उनको हँसाने के लिए लाफिंग गैस का उपयोग किया जाता है, यदि कोई व्यक्ति हमेशा तनाव मे रहता अगर लाफिंग गैस यानि नाइट्रस ऑक्साइड गैस छोड़ दी जाये तो वह अचानक से हँसने लग जाता है।
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लाफिंग गैस के नाम से ही पता चलता नाइट्रस ऑक्साइड जय एक रंग हिना ज्वलनशील गैस होती है। और इसका उपयोग केवल एंटरटेनमेंट के लिए किया जाता है और कुछ समय बाद इसका उपयोग के मेडिकल साइंस में भी किया जाने लगा लाफिंग गैस प्रयोग सर्जरी करते समय इसका प्रयोग किया जाता है और साइंस के अनुसार इसे डेंटल दर्द को कम करने के लिए किया जाता है डिस्टेंट इसका प्रयोग दांत निकालते समय करते हैं इसका उपयोग के हमारे न्यू क्लोज कर सिस्टम पर पड़ता है जिसके वजह से हमारे शरीर में ऐसे हार्मोन निकलते हैं जो हमें हंसाने के लिए जिम्मेदार होते हैं और हंसने से ब्लड का जो सर्कुलर रहता है वह सही तरीके से चलता हैएवं ब्लड भी बढ़ता है.।
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