Others

रक्षाबँधन से जुड़ी पौराणिक कथा क्या है ?

M

| Updated on August 12, 2019 | others

रक्षाबँधन से जुड़ी पौराणिक कथा क्या है ?

1 Answers
908 views
A

@aayushisharma7131 | Posted on August 12, 2019

वैसे तो रक्षाबँधन से जुड़ी कई ऐसी कहानियां है जो प्रचलित है लेकिन यह कहानी सबसे ज्यादा जानी जाती है | एक बार जब युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा- 'हे प्रभु! मुझे रक्षाबंधन की वह कथा सुनाइए जिससे मनुष्यों की प्रेतबाधा तथा दुख हमेशा के लिए दूर होता हो |


Loading image...courtesy-www.ajabgjab.com


भगवान कृष्ण ने कहा- हे पांडव श्रेष्ठ! एक बार दैत्यों तथा सुरों में युद्ध छिड़ गया और यह युद्ध लगातार बारह वर्षों तक चलता रहा। असुरों ने देवताओं को पराजित करके उनके प्रतिनिधि इंद्र को भी पराजित कर दिया।


ऐसी दशा में देवताओं सहित इंद्र अमरावती चले गए। उधर विजेता दैत्यराज ने तीनों लोकों को अपने वश में कर लिया। उसने राजपद से घोषित कर दिया कि इंद्रदेव सभा में न आएँ तथा देवता व मनुष्य यज्ञ-कर्म न करें। सभी लोग मेरी पूजा करें।


दैत्यराज की इस आज्ञा से यज्ञ-वेद, पठन-पाठन तथा उत्सव आदि समाप्त हो गए। धर्म के नाश से देवताओं का बल घटने लगा। यह देख इंद्र अपने गुरु वृहस्पति के पास गए तथा उनके चरणों में गिरकर निवेदन करने लगे- गुरुवर! ऐसी दशा में परिस्थितियाँ कहती हैं कि मुझे यहीं प्राण देने होंगे। न तो मैं भाग ही सकता हूँ और न ही युद्धभूमि में टिक सकता हूँ। कोई उपाय बताइए।


वृहस्पति ने इंद्र की वेदना सुनकर उसे रक्षा विधान करने को कहा। श्रावण पूर्णिमा को प्रातःकाल निम्न मंत्र से रक्षा विधान संपन्न किया गया।


'येन बद्धो बलिर्राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामभिवध्नामि रक्षे मा चल मा चलः।


इंद्राणी ने श्रावणी पूर्णिमा के पावन अवसर पर द्विजों से स्वस्तिवाचन करवा कर रक्षा का तंतु लिया और इंद्र की दाहिनी कलाई में बाँधकर युद्धभूमि में लड़ने के लिए भेज दिया। 'रक्षाबंधन' के प्रभाव से दैत्य भाग खड़े हुए और इंद्र की विजय हुई। राखी बाँधने की प्रथा का सूत्रपात यहीं से होता है।


इसलिए रक्षाबंधन मनाया जाता है जिसे बहुत पवित्र और शुभ त्यौहारों में से एक माना जाता है |


0 Comments
रक्षाबँधन से जुड़ी पौराणिक कथा क्या है ? - letsdiskuss