हर एक देश के लिए अपना - अपना राज - चिह्न होता है दो हजार वर्ष पहले हमारे देश में सम्राट अशोक शासन करते थे। दुनिया के महान सम्राटों में अशोक का मुख्य स्थान है। एक महान शक्तिशाली सम्राट होकर अशोक ने और हिंसा तथा शांति का प्रचार किया था। अशोक सम्राट ने देशभर में स्थान – स्थान पर पत्थर और लोहे के स्तूप और खंभे बनवाए थे। उन पर अच्छे-अच्छे कई उपदेश खुदवाएं और कई तरह के चिन्ह भी लगवाए। उन्हीं में से एक चिह्न को भारत ने अपना राज - चिह्न बनाया है। यह चिन्ह अशोक स्तंभ का ऊपरी भाग है इसमें सिंहों की चार मूर्तियां हमारे राज - चिह्न में है। इस के निचले भाग में एक चक्र है। चक्र के दोनों ओर घोड़े, बैल और हाथी की मूर्तियां हैं। यह चक्र धर्म चक्र कहलाता है। इसमें चौबीस छड़ें हैं। इसको उन्नति का प्रतीक मानते हैं। भारत के राष्ट्रीय झंडे पर इसी धर्म चक्र का चिन्ह है। इसकी विशेषता है कि शासक अपनी प्रजा का शासन धर्म और न्याय से करें भारत की समस्त प्रजा स्वस्थ हो, देश शांति तथा समृद्धि से भरपूर हो।
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