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वर्ष 2015 में तेजस्वी सूर्या द्वारा किया गया ट्वीट, जिसे बाद में उन्होंने डिलीट कर दिया, भारतीय नागरिकों द्वारा इस्लामोफोबिक टिप्पणी को लेकर अरब जगत से नाराजगी के मद्देनजर इसे वायरल किया गया।
विवादास्पद ट्वीट के स्क्रीनशॉट, जिसमें उन्होंने दक्षिणपंथी बौद्धिक तारेक फतेह के हवाले से दावा किया था, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें व्यापक निंदा की गई। सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी सुनी गई।
कुवैत इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज से मीजेब-अल-शारिका (@MJALSHRIKA) ने एक ट्वीट में सूर्या के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का, अरब जगत के साथ भारत का संबंध परस्पर सम्मान का है। क्या आप अपने सांसदों को सार्वजनिक रूप से हमारी महिलाओं को अपमानित करने की अनुमति देते हैं? हम उम्मीद करते हैं कि तेजस्वी सूर्या के खिलाफ आपकी अपमानजनक टिप्पणी के लिए तत्काल दंडात्मक कार्रवाई करेंगे।" हटाए गए ट्वीट का स्क्रीनशॉट। और एक अन्य कुवैती वकील मोना अलारबाश (@MonaAlarbash) के अनुसार, "भारतीय संसद (एरियन) की इस टिप्पणी को हटाने से हमें इससे अपमानजनक अपमान नहीं होगा। हम संसद और सरकार से तत्काल और तत्काल जवाबदेही की मांग करते हैं।"
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