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सनतान धर्म के मुताबिक कुल मिलाकर 5 देवताओं की आराधना का महत्व बताया गया है जैसे -सूर्य, गणेश जी, दुर्गा माँ, शिव जी, विष्णु जी आदि देवी -देवताओं की किसी विशेष कार्य मे पूजा की जाती है। इन मे से सूर्य देव को विशिष्ट स्थान दिया गया है, सूर्य देव को पूजा मे अर्ध्य देने का विशिष्ट महत्व बताया गया है।लोगो का कहना है कि सूर्यदेव को अर्ध्य देने पर वह बहुत ही जल्दी अपने भक्तो से ख़ुश हो जाते है और वह अपने भक्तो के जीवन से हर एक अंधकार को मिटा कर ज्ञानरूपी प्रकाश भर देते है। लोगो का मानना है कि सूर्य देव को अर्ध्य देने हमारे शरीर मे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है, और हमारे शरीर रोग बाधा होते है वह सूर्य देव किरणे पड़ने से हमारा शरीर रोग बधा दूर हो जाते है और हमारा शरीर पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है।
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प्रारंभिक से ही पृथ्वी पर देवी देवताओं की पूजा का बहुत बड़ा महत्व है। वेदों पुराणों की मान्यता के अनुसार 33 कोटि देवता है। लेकिन इनमें से 2 देवताओं को अधिक महत्व दिया जाता है। क्योंकि यह 2 देवता पृथ्वी पर प्रतिदिन हमें दर्शन देते हैं सूर्य और चंद्रमा प्रतिदिन हमें दिखाई देते हैं। और हम उनकी पूजा करते हैं। रामायण और महाभारत में भी इस बात को सिद्ध किया गया है कि सूर्य देव सबसे बड़े देव हैं। रामायण में बताया गया था कि भगवान राम प्रतिदिन सूर्य देव को जल अर्पित करते थे और उनकी पूजा करते थे। महाभारत में भी पांडवों की मां कुंती सूर्य देव की भक्त और उन्हें प्रतिदिन जल आर्ध थी। लोगों का मानना है कि सूर्य देव को जल अर्पित करने से खुश होकर अपनी किरणों से लोगों की नकारात्मक शक्ति को नष्ट कर देते हैं।
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | पोस्ट किया
हम सूर्य देव को इसीलिए जल अर्पित करते हैं क्योंकि यह हमारे इष्ट देवता कहलाते हैं ! हमें भगवान सूर्य देव को सर्वप्रथमसच्चे हृदय से धन्यवाद करना चाहिए! क्योंकि उनकी वजह से हमारे जीवन में प्रकाश होता है और उनके दर्शन हमें रोज मिलते हैं !हमें स्नान करके हर रोज सूर्य देव भगवान को जल या दूध से अर्ध्य देना चाहिए जिससेहमारे शरीर और घर में सकारात्मक ऊर्जा का बास बना रहे !
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