पश्चिमी देशों पर क्यों भड़के पुतिन? क्यों बोला - जैसे भारत को लूटा, रूस को भी चाहते हैं लूटना!
Russian President
रूस के राष्ट्रपति पुतिन इन दिनों आक्रामक तेवर पर आ गए हैं। उन्होंने एक ताजा बयान दिया है। जो भारत India की पक्ष में जाता है। उन्होंने पश्चिम देशों western country पर भड़कते हुए कहा कि जिस तरह से पश्चिम देशों ने भारत को लूटा है पर उसको (रूस) को भी लूटना चाहते हैं। दोस्तों इस बयान के बहुत बड़े मायने हैं।
आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने क्रेमलिन में हो रहे एक कार्यक्रम में यह बात कही। एक तरह से अमेरिका इंग्लैंड और यूरोप जैसे पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि उनके मामले में दखल ना दें तो अच्छा है। जिस तरह यूक्रेन के पीछे पश्चिमी देश खड़े हैं और यूक्रेन की सहायता करने उसे रूस के खिलाफ भड़का रहे हैं।
दोस्तों और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हर बयान के मायने का एक एक विश्लेषण यहां प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे आप बेहतर तरीके से जान लेंगे कि विश्व पटल पर इस समय रूस की स्थिति कितनी मजबूत हो गई है। रूस पूरी दुनिया को क्या चेतावनी देना चाहता है।
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इधर यूक्रेन के चार क्षेत्रों हैंडोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया, खेरसॉन अपने कब्जे में रूस ने ले लिया और आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर भी इसमें कर दिया और वहां के सारे यूक्रेन के नागरिक अब रूस के नागरिक कहलाएंगे।
क्रेमलिन मे चल रहे कार्यक्रम में उन्होंने पश्चिम देशों को चेतावनी दी इसके मायने क्या है
व्लादिमीर पुतिन ने बताया दोस्तों की तरह से इंग्लैंड जैसे पश्चिम देशों ने भारत और अफ्रीका के देशों को गुलाम बनाया। मध्य युग में किस तरीके से इन्होंने अपनी औपनिवेशिक शासन दूसरे देश में चलाया। भारत, अफ्रीका जैसे देशों में देश पर कब्जा करके मानव को गुलाम बनाया। इन सब बातों से रूस से रूसी राष्ट्रपति यह बात स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि अगर पश्चिम अपनी चालबाजी ओं से बाज नहीं आया तो उसे इसी तरह का जवाब दिया जाएगा, जैसा यूक्रेन को दिया गया है।
यानी इसके माध्यम से रूस चेतावनी देना चाहता है कि अमेरिका और इंग्लैंड का काला इतिहास दूसरों को धोखा देने वाला रहा है।
दोस्तों रूस एक संप्रभु देश है। पश्चिम की चालबाजियों के कारण रूस को कई बार तोड़ने का प्रयास भी किया गया, इस कारण से रूस के राष्ट्रपति बहुत नाराज है। जिस तरीके से रूस के खिलाफ पश्चिम जगत एकतरफा हो गया है, ऐसे में रूस ने यूक्रेन पर हमला करके एक तरह से पूरी दुनिया को चेतावनी दिया कि अगर उसके खिलाफ कोई खड़ा होगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
रूस के राष्ट्रपति ने क्यों बोला कि उपनिवेश काल में पश्चिम जगत खासतौर पर इंग्लैंड ने दुनिया के दूसरे देशों के साथ अत्याचार किया
यूक्रेन पर क्यों हमला कर दिया
दोस्तों आपको बता दें कि रूस हमेशा पश्चिम जगत के खेमे से अलग रहा है। रूस महाशक्ति के तौर पर भी उभरता हुआ देश रहा लेकिन विश्व युद्ध के बाद रूस की शक्ति को पश्चिम जगत के देशों ने मिलकर कमजोर बना दिया।
पश्चिम जगत के देशों ने मिलकर रूस पर कई पाबंदियां लगाई। जिससे भड़का रूस पश्चिम जगत को सबक सिखाने के लिए अलर्ट मोड पर आ गया।
उसका पड़ोसी देश यूक्रेन भी पश्चिमी देशों के खेमे में चला गया और लगातार उसके खिलाफ गतिविधियों में शामिल होने लगा।जिससे रूस को अपनी संप्रभुता पर खतरा लगने लगा। उसने पश्चिम जगत के देशों को समझाया लेकिन पश्चिम देश के सदस्य यूक्रेन को कठपुतली की तरह नचाते रहें, इसके बाद एक बड़ा कदम रूस के राष्ट्रपति ने उठाया और यूक्रेन पर हमला कर दिया।
रूस के राष्ट्रपति ने पश्चिमी देशों के काले इतिहास पर क्या बात कही एक नजर में समझे
- पश्चिम देश रूस को कमजोर और तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
- मध्य युग में यूरोप में औपनिवेशिक शासन की शुरुआत करके भारत अफ्रीका जैसे देशों का शोषण किया।
- अमेरिका में रहने वाले लोगों का नरसंहार किया।
- यूरोप के लोग औपनिवेशिक काल में इंसानों का जानवरों की तरह शिकार करते थे।
- अमेरिका के लोगों का नरसंहार
- भारत और अफ्रीका की लूट।
- चीन के खिलाफ युद्ध।
- अफीम युद्ध।
- पश्चिम ने पूरे देश को ड्रग्स पर निर्भर बनाकर पूरे समूहों का नरसंहार किया।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बात और कही कि बीसवीं सदी में उपनिवेशवाद के खिलाफ रूस ने दुनिया के देशों को गुलामी की आजादी से बचाने के लिए बहुत बड़ी क्रांति की उन पर उन्हें गर्व है।
निष्कर्ष conclusion
इन सब के मायने यह है कि रूस महाशक्ति बनने के लिए आगे बढ़ रहा है और अमेरिका की चालबाजियों का जवाब उसने अच्छे तरीके से दिया। यूक्रेन के 4 हिस्से को अपने देश में मिला लिया है जिस कारण से ब पुतिन अब अपने आप को दुनिया का एक ऐसे देश के रूप में दिखाना चाहते जो सच्चाई के मार्ग में चल रहा और उपनिवेशवाद के खिलाफ पश्चिमी जगत के उत्पीड़न के खिलाफ खड़े होने वाला एकमात्र देश है रूस।
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