क्यों नहीं?
- यदि आप नहीं जानते हैं तो मैं आपको बता दूं कि भगवान शिव को समर्पित सोमनाथ मंदिर को इस आदमी के आदेश से फिर से बनाया गया था। भारत के सरदार वल्लभ पटैल के परिचय का कोई परिचय नहीं है, 1951 में मंदिर का निर्माण पूरा हुआ था।
- अब दिसंबर 1950 में SARDAR VALLABHAI PATEL के निधन के बाद, कांग्रेस 1998 तक सत्ता में रही, उसके बाद बीजेपी सत्ता में आई, 2004 तक, जिसके बाद 2014 तक यूपीए सत्ता में आई।
- इसलिए मंदिर को नष्ट करने के लिए कांग्रेस के पास लगभग 58 साल थे लेकिन क्या उन्होंने मंदिर की एक ईंट को छूने की भी हिम्मत की।
- अब कुछ आंकड़ो के अनुसार गुर्जरात के सोमनाथ मंदिर में सालाना लगभग 4.5 मिलियन + दर्शनार्थी आते हैं।
- क्या आपको वास्तव में लगता है कि कांग्रेस या किसी अन्य वामपंथी पार्टी के पास इन मंदिरों को नष्ट करने की हिम्मत है, जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में अरबों लोगों के धार्मिक विश्वास हैं।
- इन धार्मिक स्मारकों की रक्षा के लिए, सनातन धर्म और हमारी संस्कृति की जड़ें 1 अरब लोगों का कर्तव्य है।

