इस वक्त ज्यादा जरूरी है कि वायरस के संक्रमण को जितना जल्दी हो सके रोका जाए. ताकि वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या की बढ़ोतरी देखने को ना मिले, जिस वजह से केंद्र की बीजेपी सरकार ने दोबारा लाकडाउन बढ़ाने का आदेश दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत सरकार के इस कदम को बिल्कुल उचित करार दिया है.
दुनिया के अधिकतर देश लाकडाउन को बढ़ाना उचित समझ रहे है. क्योंकि कोई भी देश अपने नागरिकों की जान को खतरे में डालना नहीं चाहता है... हां यह बात तो ठीक है कि तमाम देशों को आर्थिक रूप से तंगी का सामना तो करना ही पड़ेगा.
अर्थव्यवस्था की बात की जाए तो ऐसे समय में अर्थव्यवस्था का कमजोर होना समझ में आता है.कोई कुछ नहीं कर सकता जब दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था इस वक्त डगमगा गई है. तो स्वाभाविक सी बात है भारत की अर्थव्यवस्था तो पहले से ही कमजोर थी और अब ऐसे हालातों में और कमजोर हो चुकी है इसमें कोई ताजुक की बात नहीं है.
अगर बीजेपी सरकार के लिए डेथ वारंट साबित होगा भी तो एेसे लोग करेंगे जिन लोगों को इस वक्त भूखे रहना पड़ रहा है. जिन गरीब लोगों को मुश्किल हालातों में समय गुजारना पड़ रहा है और जो पल-पल केवल सरकार को ही कोस रहे हैं.
वास्तव में बीजेपी सरकार सत्ता में बनी ही रहेगी...क्योंकि उसने ऐसे हालातों में भी बहुत ही घटिया राजनीति की है तबलीगी जमात संस्था के कंधे के सहारे देश के मुस्लिमों और हिंदुओं को अलग-थलग कर दिया है. आज अधिकतर हिंदू वायरस के फैलने का मुख्य कारण मुस्लिमों को ही समझ रहे हैं और हर मुस्लिम को जमाती समझ रहे हैं.
सत्ता में बने रहने के लिए सरकार ने अपना दांवपेच तो खेल दिया है इसलिए बीजेपी सरकार के लिए दूसरा लॉकडॉउन डेथ वारंट नहीं साबित हो सकता है. वायरस के दिनों दिन बढ़ते प्रकोप की वजह से दूसरा लाकडाउन लगाना एक लहजे से देखा जाए तो बिल्कुल ही उचित है इसमें कोई गलत नहीं है.लाकडाउन बढाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प भी नहीं था.
