आज Youtube ब्राउज़ करते समय मैने एक ऐसा वीडियो देखा जिसमे कुछ स्वयंसेवकों का एक समूह दिख रहा था, जो गरीबों और भूख से मरने वाले बच्चों को खाना खिला रहा था। उन बच्चो को इस तरह देखकर वह वीडियो बहुत ही मार्मिक और भावनात्मक महसूस हो रही थी ।
लोगों की एक रॉबिन हूड सेना है जो एक जुट होकर एक मिशन पर हैं जिसका लक्ष्य है भूखों का पेट भरना। इस सेना में स्वयंसेवक हैं जो पूरे भारत में छात्र और युवा कार्यरत पेशेवर हैं, और वे अलग-अलग रेस्तरां में जाते हैं और उन्हें कम भाग्यशाली लोगों की सेवा के लिए बचे हुए भोजन को दान देने की विनती करते हैं ।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर नौ लोगों में से एक कुपोषित है, जिसकी संख्या 79 करोड़ से अधिक लोगों के रूप में सामने आती है., और सबसे आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि 82 प्रतिशत कमजोर लोग खाद्य अधिशेष राष्ट्र से आते हैं।
तो, उस अतिरिक्त मात्रा में भोजन कहाँ जाता है? यह भोजन अपशिष्ट भोजन बनकर कचरे में फेंका जाता है, और यह रॉबिन हूड सेना भोजन के इस कुप्रबंधन से जूझ रही है। वे कहते हैं कि हमारे पास खाना है जो बर्बाद हो रहा है और हमारे पास ऐसे लोग हैं जो एक ही अनाज के लिए भूखे हैं। उनके पास एक लक्ष्य है जिसमे वे ऐसे समाज को बनाना चाहते हैं जहां कोई भी खाली पेट न सोये ।