बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के साथ - साथ आजfinally उमंग कुमार के डायरेक्शन में बनी फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी रीलीज़ हो गयी है और यह बात तो हम सभी जानते है की सभी बस वेट कर रहे थे कब लोकसभा इलेक्शन का रिजल्ट आये और इस मूवी को सीधा - सीधा हिट करार दिया जाए |
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"क्योंकि जीतने का मज़ा तब ही आता है जब सबको आपके हारने की उम्मीद हो", इस फिल्म की सबसे इंट्रेस्टिंग बात ये थी की इसे पूरा होने में दो महीने भी नहीं लगें थे लेकिन विपक्षी पार्टियों के विरोध के चलते चुनाव आयोग ने आचार संहिता के दौरान इसकी रिलीज पर रोक लगा दी थी।
इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा की फिल्म के प्रोडूसर्स ने इस मूवी से इस बात को पहले ही साबित कर दिया था की एक बार फिर से घर - घर मोदी की गूँज सुनाई देने वाली है |
नरेंद्र मोदी की इस बायोपिक फिल्म में मुख्य किरदार में आपको विवेक ओबरॉय और मनोज जोशी नजर आएंगे | अगर हम क्रिटिक की मानें तो इस फिल्म में विवेक ओबरॉय नेअपनी एक्टिंग का कुछ ख़ास दम नहीं दिखाया है और कही न कही वह खुद को मोदी के किरदार में ढालने में पीछे रह गए |
हाँ अगर फिल्म की स्टोरी की बात की जाए तो नरेंद्र मोदी के बचपन से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक की कहानी दिखाई गयी है और बताया गया है की उनके पिता की स्टेशन पर चाय की दूकान थी और कैसे वो अपने घरवालों से सन्यासी बनने की मांग करते है | कही न कही फिल्म की कहानी में बहुत खामिया थी |
(courtesy-Freepressjournal)
पूरी फिल्म में मोदी के किरदार को बहुत उम्दा तरीके से नायक फिल्म के हीरो की तरह दर्शया गया है जो क़ाबिले तारीफ़ है |
हाँ ओवरआल इस फिल्म में यही है की स्टोरी को pm मोदी के फेवर में दिखया गया है, और मोदी फैंस के लिए तो यहाँ पूरी तरह से मोदीत्व देखने को मिलेगा और यह बात बिना किसी शक के कही जा सकती है की इस फिल्म में नरेंद्र मोदी को किसी superhero से कम नहीं दिखाया गया|इसलिए हमारी तरफ से इस फिल्म को मिलते है पूरे 3 स्टार्स |