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आज हम आपको इस आर्टिकल में सच्चे प्यार की परिभाषा से क्या अभिप्राय है बताएंगे :-
सच्चे प्यार की परिभाषा बहुत ही प्यारी और सरल होती है सच्चा प्यार दिल से होता है ना कि दिमाग से। हम जिस इंसान से सच्चा प्यार करते हैं अक्सर हम उसी के ख्यालों में खोए रहते हैं।
सच्चे प्रेम की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि इसमें प्यार करने वाला व्यक्ति स्वार्थी नहीं होता। सच्चे प्यार की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि इसमें बिगड़ा हुआ इंसान भी सुधर जाता है। इस प्रकार सच्चे प्यार की परिभाषा निम्न है।
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कौन कहता है कि प्यार सच्चा नही होता
होता हैं पर वो कभी अधूरा नही होता
जो अधूरा रह जाए वो प्यार ही नही होता.अधूरी हो जाती है
बिन उसके ये जिंदगी
रह जाती है अधूरी ख्वाईश बिन उनके टूट जाते है जब सपने अपने
टूटते है सपने कांच की तरह
आती नही आवाज कांच मे
दर्द होता है हमे बहुत सारा उनका.
हर मर्ज की दवा बन जाते है वो खुद हसकर जब वो कह देते है हमसे
खुद कल कहते थे शायर वो
देखो खुद हम बन बैठे हैं हम शायर उनके.
प्यार मत करना ए दोस्त तु
सामने से जब रुला देते है जब वो
एहसास प्यार का होने मत देना
दिल खुदगर्ज को तुम दे मत बैठना...
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दोस्तों आज इस पोस्ट में हम आपको सच्चे प्यार की परिभाषा क्या होती है इसके बारे में बताएंगे। सच्चा प्यार एक खूबसूरत एहसास होता है जो कि एक दूसरे के प्रति होता है। जब किसी को सच्चा प्यार होता है तो वह उस इंसान के प्रति बहुत खास हो जाता है। वह इंसान उसके दुख में दुखी होता है और सुख में खुश होता है। एक-दूसरे की परवाह करना उनकी ख्वाहिशों का ध्यान रखना यही सच्चे प्यार की परिभाषा है। और सच्चे प्यार का उदाहरण लैला और मजनू को माना जाता है।
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