भारत में नए लेबर कोड्स 2025 लागू होने से कर्मचारियों और गिग वर्कर्स दोनों पर बड़ा असर पड़ेगा। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ग्रेच्युटी और अन्य लाभों के लिए लंबे समय तक नौकरी में रहना जरूरी नहीं रहेगा। इसके साथ ही गिग वर्कर्स जैसे स्विगी, ज़ोमैटो, उबर, ओला आदि प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स को पहली बार सोशल सिक्योरिटी के लाभ मिलेंगे, जिसमें बीमा, पेंशन और स्वास्थ्य योजना शामिल हैं।
सैलरी स्ट्रक्चर में भी बदलाव आएगा। बेसिक सैलरी कुल वेतन का 50% से कम नहीं हो सकती, जिससे PF और ग्रेच्युटी की रकम बढ़ेगी। छुट्टियों और ओवरटाइम नियम स्पष्ट होंगे और कर्मचारी अपने हक़ को आसानी से पा सकेंगे।
वर्किंग ऑवर्स में भी सुधार होगा। 48 घंटे का नियम रहेगा, लेकिन शिफ्ट 12 घंटे तक हो सकती है। इससे कंपनियों और कर्मचारियों के लिए फ्लेक्सिबल वर्क मॉडल संभव होगा।
कुल मिलाकर, नए लेबर कोड्स 2025 कर्मचारियों के लंबे समय के फायदे मजबूत करेंगे और गिग वर्कर्स को औपचारिक सुरक्षा प्रदान करेंगे, जबकि कुछ मामलों में नेट सैलरी और वर्किंग ऑवर्स पर असर हो सकता है।