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दोस्तों अपने बिच्छू का नाम तो सुना ही होगा अक्सर बिच्छू हर जगह पर पाए जाते हैं। आप जानते ही हैं कि बिच्छू का विष जहरीला होता है और जिस जगह पर बिच्छू काट लेता है उस जगह पर बहुत अधिक दर्द होता है। बिच्छू जिस जगह पर काट देता है उस जगह से बिच्छू का विष शरीर के पूरे हिस्से में फैलने लगता है यह तो जानते हैं कि बिच्छू के काटने से विष फैलता है।पर क्या आपको पता है कि बिच्छू का विष कहां पर होता है अगर नहीं पता तो चलिए हम आपको बताते हैं बिच्छू का विष कहां पर होता है।
बिच्छू का विष उसके डंक में होता है। बिच्छू के विष में फार्मिक अम्ल पाया जाता है। बिच्छू मानव शरीर को अपने डंक के माध्यम से ही कटती है और बिच्छू के डंक में पाया जाने वाला विष ही मानव शरीर के पुरे हिस्से में फैलता है। ऐसा माना जाता है कि अगर बिच्छू के काटने से शरीर में बिच्छू का डंक रह जाता है तो वह बहुत खतरनाक होता है और उसका डंक उतारने में बहुत देरी लगती है और अगर बिच्छू जिस स्थान पर काटते हैं उस स्थान पर डंक रह जाता है तो दर्द भी बहुत ज्यादा होता है।
भारत में बिच्छू के कई हजारों प्रकार के प्रजातियां पाई जाती हैं। भारत में दो प्रकार के बिच्छू पाए जाते हैं -एक लाल और दूसरे काले प्रकार के बिच्छू पाए जाते हैं। लाल बिच्छू भारत के सभी भागों में पाए जाते हैं लेकिन काले बिच्छू केरल में सबसे ज्यादा पाए जाते हैं।
लाल बिच्छू जानलेवा बिच्छू होते हैं।वहीं अगर काले बिच्छू के बात करें तो काले बिच्छू इतने खतरनाक नहीं होते उनके काटने से केवल दिल और हृदय पर असर पड़ता है।
चलिए हम आपको बताते हैं कि बिच्छू के काटने से क्या लक्षण दिखाई देते हैं-
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बिच्छू का विष उसके डंक (पूँछ )मे होता है, ज़ब बिच्छू डंक मरता है तो उसका जहर इंसान के शरीर मे चला जाता है। इसलिए कही पर भी बिच्छू दिखता है तो लोग बिच्छू क़ो मार देते है ताकि वह इंसानों क़ो न कटे क्योंकि इंसानों के लिए बिच्छू उनका सबसे बड़ा दुश्मन होता है।
लेकिन तुर्की एक ऐसा देश हैं, जहाँ पर बिच्छूओ के एक लीटर जहर क़ीमत लगभग 8.50लाख रूपये बिकता है। क्योंकि बिच्छू के जहर से कई तरह के प्रोडक्ट बनाये जाते है, तुर्की देश मे लैब मे 200से 300बिच्छूओ क़ो इकट्ठा करके उनका प्रजनन भी कराया जाता है क्योंकि बिच्छूओ की जहर की जरूरत अधिक होती है इसलिए यहाँ पर बिच्छूओ क़ो प्रजनन करवाते है। ज़ब बिच्छूओ की संख्या बढ़ने लगती है तो प्रत्येक बिच्छू के डंक से 2ग्राम जहर निकाला जाता है क्योंकि एक बिच्छू के डंक से 2ग्राम ही जहर निकलता है।
बिच्छू के जहर क़ो फ्रिज मे स्टोर करके रखा जाता है, इसके बाद बिच्छू के जहर क़ो लैब मे ले जाकर जहर से कई तरह के पाउडर,प्रोडक्ट तथा पेनकिलर दवाईयां बनायीं जाती है। इसके अलावा बिच्छू के जहर से कई तरह के एन्टीबायोटिक दवाईयां तथा कॉस्मेटिक की चीजे भी बनायीं जाती है।बिच्छू के जहर का इस्तेमाल हार्ट सर्जरी मे भी किया जाता है, साथ ही हड्डियों मे मोच आने पर या हड्डियों का डॉक्टर इलाज करता है तो हड्डियों मे स्प्रे के रूप मे बिच्छू का जहर इस्तेमाल किया जाता है।
फ्रेड हुतचिसों कैंसर रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया है कि बिच्छू के जहर से कैंसर जैसी घातक बीमारी क़ो ठीक किया जा सकता है। बिच्छू के जहर में बहुत से ऐसे तत्व पाये जाते है, जो कैंसरकारक सेल्स को बॉडी मे बनने से रोकते है, जिससे इंसान के शरीर मे कैंसर जैसी घातक बीमारी क़ो ठीक किया जा सकता है।
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दोस्तों बिच्छू अधिकतर बरसात के मौसम में घर में निकलते हैं। और बिच्छू का जहर भी बहुत ज्यादा जहरीला होता है दोस्तों यदि बिच्छू किसी व्यक्ति को डस लेता है तो उसका जहर शरीर पर फैलने लगता है और इतना अधिक दर्द होता है कि आप इस दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। दोस्तों बिच्छू में क्लोरोटॉक्सिन नामक जहर पाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिच्छू का कहां पर पाया जाता है शायद आप नहीं जानते होंगे तो कोई बात नहीं है आपको इसकी जानकारी देंगे।
तो चलिए जानते हैं कि बिच्छू का विश्व कहां पर पाया जाता है:-
दोस्तों मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं की बिच्छू की लगभग 1000 जातियां पाई जाती हैं। जो न्यूजीलैंड और अंटार्कटिक को छोड़कर विश्व के सभी भागों में पाई जाती हैं। मैं आपको बता दूं की बिच्छू का विष उसके डंक में पाया जाता है। यदि किसी व्यक्ति को बिच्छू गलती से भी काट लेता है तो उसके शरीर में बहुत भयानक दर्द होता है। और इस जहर को शरीर से बाहर निकलने में कम से कम 24 घंटे का समय लग जाता है। दोस्तों मैं आपको बता दूं की काली बिच्छू के जहर खासकर तंत्रिका तंत्र और दिल पर असर डालता है। और लाल बिच्छू ज्यादा जहरीले और जानलेवा भी होते हैं। मैं आपको बता दूं कि हमारे भारत देश में लगभग सभी स्थानों पर लाल बिच्छू पाए जाते हैं। और यदि काले बिच्छू की बात की जाए तो काले बिच्छू ज्यादातर केरल में पाए जाते हैं।
चलिए हम आपको बताते हैं कि बिच्छू कब ज्यादा दिखाई देते हैं:-
दोस्तों गर्मी के मौसम में बिच्छू ज्यादा दिखाई देते हैं। क्योंकि वह अपनी छिपने की जगह से बाहर आते हैं। दोस्तों बिच्छू अधिकतर छत से नीचे गिरते हैं। गर्मी के मौसम में बिच्छू का जहर ज्यादा घातक होता है।
चलिए हम आपको बताते हैं कि बिच्छू काटने पर इलाज कैसे कर सकते हैं:-
यदि किसी व्यक्ति को बिच्छू काट लेता है तो तो उसे जगह पर एक धागा कसकर बांध लेना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से पर या हाथ में जहर नहीं फैलता। इसके अलावा डक की जगह पर नाइट्रोग्लिसरीन मलहम लगाने से ज्यादा फायदा मिलता है।
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