पुष्पम प्रिया!
ये अब एक नाम नहीं बिहार की राजनीति में एक सक्सियत हो गई है !
जी हां!
आज से कुछ दिन पहले मै पुष्पम प्रिया को सिर्फ एक धड़ाके से अंग्रेजी बोलने वाली पड़ी लिखी और खूबसूरत लड़की से अधिक नहीं जानता था। वह तब से ही बिहार राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती थी। परन्तु मै, मै क्या मेरे जैसे कई युवाओं के बीच में उनकी खूसूरती और बोलने का अंदाज़ ज्यादा प्रसिद्ध था ना कि उनकी राजनीति।
ये तो हो गए मेरे और मेरे जैसे कईयों के विचार किन्तु अब हम पुष्पम प्रिया के बारे में जान लेते हैं।
पुष्पम प्रिया का पूरा नाम पुष्पम प्रिया चौधरी है। उनके पिता का नाम विनोद चौधरी है जो कि बिहार में जेडीयू के नेता रह चुके है और विधान परिषद सदस्य भी रह चुके है। पुष्पम मूल रूप से बिहार के दरभंगा जिले की है। पुष्पम ने क ख ग भोजपुरी में ही सीखा यानी की उनकी शुरवाती पढ़ाई बिहार में ही हुई। इस के बाद उन्होंने लंडन के नामी कॉलेज "लंडन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स" से "पब्लिक एडमिनस्ट्रेशन" से मास्टर किया।
परन्तु अभी कुछ समय पहले उन्होंने बिहार में एक पार्टी कि स्थापना की जिसका नाम Plurals और उन्होंने खुद को बिहार के मुख्यमंत्री का उम्मीवार भी घोषित किया। वो कहती है कि उनकी पार्टी की फंडिंग क्राउड फंडिंग से होती है। वो इस देश में राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे कि पारदर्शिता कि बात करती है। ये बात है जो मुझे उनके बारे में और भी अधिक जानने के लिए उत्सुक करती है। वो बोलती है कि आज कल जनसंपर्क के नाम पर सिर्फ कागजी संपर्क रह गया है। वो अपनी आप को सच्चा जनप्रतिनिधि बताती है। देखते है कि आने वाले विधान सभा के चुनाव में क्या होता है। ये तो चुनाव के परिणाम ही बताएंगे।
परन्तु एक बात तो तय है कि आने आने वाले सालों में ये नाम बिहार राजनीति में बहुत अहम होगा।
