पिछले कुछ दिनों से भारत और पाकिस्तान के रिश्तो में फिर से एक बार तनाव देखने को मिल रहा है। पुलवामा में आतंकियों के हमले को लेकर भारत ने एयर स्ट्राइक की, जिस के चलते पाकिस्तान की ना सिर्फ बेइज्जती हुई पर उस की सरकार पर बदले की कार्रवाई का दबाव भी बना।
दूसरे ही दिन पाकिस्तान के कुछ लड़ाकू हवाई जहाज भारत के एयर स्पेस में घुसे और उनको खदेड़ने में भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान अपने फाइटर प्लेन के साथ पाकिस्तान में जा गिरे। जाहिर सी बात है की पाकिस्तान ने उन्हें अरेस्ट कर अपने कब्जे में ले लिया।

सौजन्य: इंडिया टुडे
इंटरनेशनल प्रेशर और जिनेवा कन्वेंशन के चलते पाकिस्तान को अभिनंदन वर्तमान को दो ही दिनों में भारत को सुरक्षित लौटाना पड़ा। यह बात भारत की कूटनीतिक जीत का सबुत है पर यहां सवाल यह है की विंग कमांडर की वापसी का श्रेय किसे मिलना चाहिए? वैसे सरकार के चाहनेवाले तो इसे मोदी सरकार की जीत बताकर प्रधान मंत्री को ही इसका श्रेय दे रहे है पर असल में यह श्रेय जिनेवा कन्वेंशन को जाना चाहिए की जिसकी वजह से आज भारत का एक होनहार पाइलट दुश्मन मुल्क की गिरफ्त से सुरक्षित लौट आया है।
यह बात बताती है की पाकिस्तान के ऊपर इंटरनेशनल तौर पर कितना दबाव होगा की उसे अपने प्लेन F-16 को मार गिरानेवाले पायलट को छोड़ देना पड़ा। हालांकि पाकिस्तान भी इस दबाव को मानने की जगह उसे अमन की और अपना एक और कदम दिखाकर विश्व में अपनी छवि सुधारने की कोशिश में लगा हुआ है पर बूंद से बिगड़ी होज से कहाँ सुधर पाएगी।