भारत एक विशाल देश हैं | जहां कई जाति और समुदाय के लोग रहते हैं | जितनी जाति उतनी ही भाषा और उतनी ही वेशभूषा और रीती रिवाज़, और उतने ही रीती-रिवाज़ों के नाम पर लोगों को गुमराह करने वाले नियम,कोई इंसान ,कोई रिवाज़ कोई धर्म एक दूसरे से नहीं मिलता मगर फिर भी कहीं न कहीं यह कहा जाता हैं, कि भारत में अनेकता में एकता हैं |
एकता हमारे भारत देश की पहचान हैं, उसके बाद भी हमारे देश में कई ऐसी समस्यें हैं, जो हम देख सकते हैं, महसूस करते हैं, समझते हैं और जानते हैं, परन्तु उनका निवारण करने में असमर्थ क्यों हैं | वर्तमान समय में हमारे भारतीय समाज में कई समस्याएं हैं |
जैसे कि सबसे बड़ी समस्या जो अभी वर्तमान में चल रही हैं वो हैं - "रेप "
1 . अपराधिक ख़बरों का सुर्खियां बनना :-
हमारे भारतीय समाज कि सबसे बड़ी problem हैं, कि जितने अपराध हमारे समाज में होते हैं बस वो एक सुर्खी बनकर रह जाते हैं | ये हमारे भारत देश कि मीडिया ही ऐसी हैं, जो किसी भी घटना को हद से ज्यादा बड़ा बना देती हैं | बस किसी भी ख़बर को सुर्खी बनाना पर उसमें किसी प्रकार का कोई भी कार्यवाही नहीं करना होता हैं |
2 . शिक्षा में कमी :-
वर्तमान समय में देश जितना भी आधुनिक हो जाये ,परन्तु अशिक्षा आज भी वहीँ की वहीँ हैं | कई जगह लोग आज भी अशिक्षित हैं | समझ नहीं आता क्या किया जाये ? ये हमारे समाज की सबसे बड़ी समस्या के रूप में सामने आता हैं, जो कहीं न कहीं अपराध का कारण banaa हैं |
3 . भेद-भाव :-
देश कितना ही बुलंदियों को छू लें,कितना ही नारे लगा लें "बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं " पर कई गाँव में आज भी लड़के और लड़की में भेद-भाव किया जाता हैं | लड़कों को पढ़ाया जाता हैं, और वहीँ दूसरी और लड़कियों को बचपन से ही घर के काम सिखाए जाते हैं | कैसे कह सकते हैं बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओं | इन दोनों में से कोई काम नहीं हो रहा हैं, न बेटी पढ़ाओ और न बेटी बचाओ |
4 . अन्धविश्वाश :-
हमारे समाज कि सबसे बड़ी और सबसे बुरी समस्या हैं, अन्धविश्वाश | लोग अन्धविश्वाश के कारण कई ऐसे ग़लत काम कर देते हैं, जो मानवता को कई बार शर्मशार कर देती हैं | इतना अन्धविश्वाश हो गया हैं लोगों में कि इंसान को भगवान् बनाकर पूजते हैं उन्हें | बाबाओं के चक्कर में आकर कई ऐसे ग़लत काम केर देते हैं, जो कि सही नहीं होते |
5 . तंत्र-मंत्र पर भरोसा :-
समाज कि इस परेशानी का कोई हल समझ नहीं आता हैं | मूर्तियों को भगवान् बनाकर पूजना तो एक आस्था हैं | पर इंसान को भगवान मानना अन्धविश्वाश और तंत्र मंत्र के कारण अपनी और औरों कि जान लेना महापाप हैं |