$ 16 बिलियन का Walmart – Flipkart Deal केवल उन दोनों का मिलना नहीं है बल्कि उससे कही ज्यादा है | इसका प्रभाव बाजारों में ई-कॉमर्स स्पेक्ट्रम से परे देखा जाएगा। अब यह 'प्रभाव' अच्छा होगा या बुरा यह चर्चा का विषय है |
सालों से, हमें बताया गया है कि Walmart का भारतीय रिटेल में प्रवेश करना भारत के लिए खराब होगा। राजनीति ने व्यापारियों पर अपनी मर्ज़ी चलाई जिससे संस्कृति ,सभ्यता और बाज़ार का हवाला देकर Walmart को भारत में प्रवेश करने से रोका गया जिसका सबसे बड़ा उदहारण भारत में Walmart के एक भी स्टोर का न होना है |
इसलिए, यह स्पष्ट था कि कुछ संगठनों और संघों के साथ अखिल भारतीय व्यापारियों (CAIT) के कन्फेडरेशन ने Walmart – Flipkart Deal पर आपत्ति जताई थी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि Walmart भारतीय बाजार में अपने असीमित संसाधनो के साथ बहुत अधिक प्रतिस्पर्धा लाएगा, और यह आसानी से खुदरा विक्रेताओं, व्यापारियों और बिचौलियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
हालांकि, ऐसे कई अन्य लाभ भी हैं जो Walmart – Flipkart Deal लाएंगे -
सस्ते उत्पादों के साथ उपभोक्ताओं को अत्यधिक फायदा होगा।
कच्चे माल (जैसे किसानों और निर्माताओं) के उत्पादकों को बहुत फायदा होगा; क्योंकि यदि Walmart भारत में आया तो किसान व निर्माता अपना कच्चा माल आसानी से सही दामों पर Walmart को बेचने लगेंगे |
इसलिए, Walmart बाजार में उच्च प्रतिस्पर्धा लाएगा इस बात से डरकर CAIT Walmart – Flipkart Deal का विरोध कर रहा था |
वास्तव में, अभी, इस सौदे की सटीक शर्तों का खुलासा नहीं किया गया है। Walmart – Flipkart पर बिक्री शुरू कर देगा या यह भारत में brick-mortar store लॉन्च करेगा , अभी कुछ भी पक्का नहीं है।
तो, व्यापारियों का डर तो जायज़ है | और वैसे भी आप एक निजी कंपनी को नहीं बता सकते की उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं | CCI ने सौदे पर मंजूरी का टिकट पहले से ही दे दिया है। हां, साझेदारी कुछ दिनों के लिए व्यवधान पैदा करेगी। लेकिन एक बार इस साझेदारी ने ज़ोर पकड़ लिया तो केवल सफलता के द्वार ही खुले नज़र आयंगे |
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