Optician | पोस्ट किया |
Accountant, (Kotak Mahindra Bank) | पोस्ट किया
देश की समग्र अर्थव्यवस्था पर शेयर बाजारों का गहरा प्रभाव पड़ता है | यह ठीक वैसे ही है जैसा की शरीर के स्वास्थ्य का दीमाग पर असर पड़ता है | यदि शरीर स्वस्थ्य है तो दीमाग में भी अच्छे विचार आयेंगे और उसका अच्छा प्रभाव शरीर पर पड़ेगा | इसी तरह एक ठोस अर्थव्यवस्था होने पर शेयर मार्किट में भी सकारात्मक रुख देखने को मिलेगा |
अर्थव्यवस्था के कमजोर होने पर शेयर मार्किट भी आपना आपा खोने लगता है क्योंकि शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करने वाला है तो देश का नागरिक ही | यदि इन्वेस्टर को अर्थव्यवस्था में कमजोरी देखने को मिलेगी और उसे लगेगा की किसी कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ने का कोई अनुमान नहीं है तो वह शेयर मार्किट से कुछ समय के लिए दूर रहने का प्रयास करेगा |
शेयर मार्किट और अर्थव्यवस्था की स्तिथि एक दूसरे को प्रभावित करते हैं | अर्थव्यवस्था में कमजोरी शेयर मार्किट को और शेयर मार्किट में कमजोरी पेंशन, बांड, बिज़नस इन्वेस्टमेंट आदि को प्रभावित करते हैं | दूसरी ओर अर्थव्यवस्था कमजोर होने पर इन्वेस्टर शोर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट करने की सोचता है और फिर मार्किट भी वोलेटाइल होने लगता है । ऐसा भी नहीं है की अर्थव्यवस्था ही शेयर बाजार को प्रभावित करता है । ऐसे कई अन्य कारण भी हैं ।
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