जी हां ये सच है मनुष्य को अपनी करनी का फल भुगतना पड़ता ही है,कोई व्यक्ति किसी के साथ गलत करता है तो उसे उसके करनी का फल इसी जन्म मे भुगवान पड़ता है। यदि कोई व्यक्ति किसी के साथ अच्छा करता है यानि किसी की मदद करता है तो उसके करनी का फल उसे भगवान बदले मे अच्छा ही देता है यानि उसने किसी के साथ अच्छा किया है तो भगवान उसके अच्छाई का फल उसे अच्छा ही देता है।Loading image...
और पढ़े- कौन सी तीन चीज़ों का अपमान मनुष्य के सभी पुण्य को ख़त्म कर सकता है ?