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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | पोस्ट किया
व्यक्ति को कभी भी जूता चप्पल पहनकर मंदिरों में नहीं जाना चाहिए। क्योंकि हमारे भारत में हिंदू शास्त्रों को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है जिसके चलते हमें कोई भी धार्मिक स्थल पर चप्पल नहीं पहनना चाहिए। हमें कभी भी अपने रसोईघर में चप्पल को नहीं पहनना चाहिए नहीं तो इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करने लगती है। व्यक्ति को कभी भी पवित्र नदियों में चप्पल पहनकर स्नान नहीं करना चाहिए। क्योंकि कई नदियां ऐसी होती है जिनको मां का दर्जा दिया जाता है जिस पर स्नान करके व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं।
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तमिलनाडु देश के मदुराई से 20 किलोमीटर दूर कलिमायन गांव के लोग जूते चप्पल पहनकर बाहर टहलने नहीं जाते है यहाँ तक कि अपने बच्चों को भी चप्पल- जूते पहनने से मना करते हैं,इस गांव में अगर कोई गलती से भी जूते पहन लेता है तो उसे कठोर सजा सुनायी जाती है।
इसलिए इस गाँव के लोग जूता चप्पल नहीं पहनते यहां के लोगो का कहना है कि इस गांव के लोग अपाच्छी नाम के देवता की सदियों से पूजा करते आ रहे हैं, उनका मानना यह है कि ये देवता ही उनकी रक्षा करते हैं,अपने इसी देवता के प्रति आस्था दिखाने के लिए गांव की सीमा के अंदर जूते-चप्पल पहनना मना है।
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दोस्तों घर के बाहर जाते हैं तो जूते चप्पल पहन के जाते हैं लेकिन आज हम इस पोस्ट में आपको बताएंगे कि एक ऐसा देश है जहां जूते चप्पल पहनकर बाहर डालना मना है। तमिलनाडु में एक अंडमान नाम का एक गांव मौजूद है। जोकि चेन्नई की राजधानी है । यह एक ऐसा गांव है जहां लोग घर से निकलने के बाद जूते चप्पल नहीं पहनते हैं। यहां 130 परिवार रहते हैं। और सभी लोग इस नियम का पालन करते हैं इस नियम का पालन कोई भी किसी से जबरदस्ती नहीं करवाता है बल्कि सब इस नियम का पालन अपने मर्जी से करते हैं। इस गांव के लोग देवी का सम्मान करने के लिए करते हैं। और जब किसी को गांव के बाहर जाना होता है तो वह जूते चप्पल हाथों में लेकर बाहर जाता है।
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हर व्यक्ति जूता चप्पल पहन कर बाहर निकलता है बहुत से लोग तो घर के अंदर भी जूता चप्पल पहने रहते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि एक ऐसा गांव है जहां पर जूता चप्पल पहन कर बाहर निकलना मना है और यदि कोई गलती से पहन कर चला जाता है तो उसे सजा दी जाती है उस गांव का नाम है मदुरई गांव यह गांव दक्षिण भारतीय तमिलनाडु में स्थित है यहां तक कि जब यहां के बच्चे स्कूल पढ़ने के लिए जाते हैं तो नंगे पांव जाते हैं। और यदि कोई बाहर घूमने जाता है तो वह भी नंगे पांव जाता है।
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