क्या कलयुग के समय मे भगवान की मान्यता कम...

| Updated on July 12, 2023 | Astrology

क्या कलयुग के समय मे भगवान की मान्यता कम होती जा रही है ?

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A

@adityasingla8748 | Posted on February 19, 2018

नमस्कार ब्रिज जी ,आपका सवाल है की कलयुग के समय लोगो के मन मे भगवान् की मान्यता है या नहीं? तो आपको बता दे के जिस तरह के हालात धरती मे है और जितने पाप इस धरती मे हो रहे है उसके हिसाब से तो धरती कब की ख़तम हो जाती | पर अगर धरती है और यहाँ सामन्य जीवन संभव है तो इसका यही मतलब है के यहाँ भगवन भी है |

जैसा की सभी जानते है के जहां धर्म है वहाँ अधर्म है , जहां जन्म है वहाँ मृत्यु है | जहां पाप है वहाँ पुण्य है, जहां लोभ है वहाँ दोष है , जहां शांति है वहाँ अशांति है उसी प्रकार जहां कलयुग है वहाँ भगवान भी है | ये बात सभी जानते है - त्रेता युग मे श्री राम ने अपने परम प्रिय मित्र हनुमान से कहा था "कोई भी युग होगा सतयुग , द्वापर युग ,सतयुग या कलयुग एक हनुमान ही धरती पर रहेंगे जो हर युग मे अपने भक्तो के संकट को काटेंगे और उनकी परेशानियों को कम करेंगे " | और कलयुग के समय धरती इतने पाप के बाद भी अपने स्थान पर खड़ी है तो वो इसलिए क्योकि कही न कही राम का नाम लेने वाला इस धरती मे मोजूद है |

चलिए आपको बताते है ऐसे चमत्कारी हनुमान जी के मंदिर जहां सच मे लोगो की मनोकामना पूरी होती है | ऐसे मंदिर जहां राम का नाम लेने वाला आज भी मौजूद है और अपने भक्तो के कष्टों को दूर कर रहा है |


1. हनुमान मंदिर इलाहबाद (उत्तर प्रदेश ) :

धर्म की नगरी इलाहाबाद में संगम किनारे शक्ति के देवता हनुमान जी का एक अनूठा मन्दिर है। यह पूरी दुनिया मे इकलौता मन्दिर है, जहां बजरंग बलि की लेटी हुई प्रतिमा को पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि संगम का पूरा पुण्य हनुमान जी के इस दर्शन के बाद ही पूरा होता है। इस मान्यता के पीछे रामभक्त हनुमान के पुनर्जन्म की कथा जुड़ी हुई है।


2. हनुमानगढ़ी, अयोध्या :

यहां का सबसे प्रमुख श्रीहनुमान मंदिर “हनुमानगढ़ी” के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर स्थित है और यहां से काफी दूर से भी साफ - साफ देखा जा सकता है। कहा जाता है कि हनुमान यहाँ एक गुफा में रहते थे और रामजन्मभूमि और रामकोट की रक्षा करते थे। हनुमान को रहने के लिए यही स्थान दिया गया था। हनुमानगढ़ी जिसे हनुमान जी का घर भी कहा जाता है, यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है।


3. सालासर हनुमान मंदिर ( राजस्थान )

सालासर में बालाजी के आने के काफी सालों बाद यहां माता अंजनी का आगमन हुआ। कहते हैं क‌ि बालाजी के अनुरोध पर माता अंजनी सालासर आई। लेक‌िन उन्होंने कहा क‌ि वह साथ में नहीं रहेंगे इससे पहले क‌िसकी पूजा होगी यह समस्या हो सकती है। इसल‌िए बालाजी की माता का मंद‌िर बालाजी मंद‌िर से कुछ दूरी पर स्‍थ‌ित है। इस मंद‌िर में अंजनी माता की गोद में बालाजी बैठे हैं। इस मूर्त‌ि के आगमन की कथा भी बड़ी रोचक है।

4. हनुमान धरा चित्रकूट :

हनुमान धारा के बारे में कहा जाता है की जब श्री हनुमान जी ने लंका में आग लगाई उसके बाद उनकी पूंछ में लगी आग को बुझाने के लिए वो इस जगह आये जिन्हे भक्त हनुमान धारा कहते है | यह विन्ध्यास के शुरुआत में राम घाट से 4 किलोमीटर दुर है | एक चमत्कारिक पवित्र और ठंडी जल धारा पर्वत से निकल कर हनुमान जी की मूरत की पूँछ को स्नान कराकर निचे कुंड में चली जाती है | कहा जाता है की जब हनुमानजी ने लंका में अपनी पूँछ से आग लगाई थी तब उनकी पूँछ पर भी बहूत जलन हो रही थी | रामराज्य में भगवन श्री राम से हनुमानजी विनती की जिससे अपनी जली हुई पूँछ का इलाज हो सके | तब श्री राम ने अपने बाण के प्रहार से इसी जगह पर एक पवित्र धारा बनाई जो हनुमान जी की पूँछ पर लगातार गिरकर पूँछ के दर्द को कम करती रही | यह जगह पर्वत माला पर है |

5. बाला जी हनुमान मंदिर : -

यूं तो भारत में हनुमानजी के लाखों मंदिर हैं। हर मंदिर पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है, पर राजस्थान के दौसा जिला स्थित घाटा मेंहदीपुर बालाजी की बात ही अलग है। मेंहदीपुर बालाजी को दुष्ट आत्माओं से छुटकारा दिलाने के लिए दिव्य शक्ति से प्रेरित हनुमानजी का बहुत ही शक्तिशाली मंदिर माना जाता है। यहां कई लोगों को जंजीर से बंधा और उल्टे लटके देखा जा सकता है। यह मंदिर और इससे जुड़े चमत्कार देखकर कोई भी हैरान हो सकता है। शाम के समय जब बालाजी की आरती होती है तो भूतप्रेत से पीड़ित लोगों को जूझते देखा जाता है।राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाडिय़ों के बीच बसा हुआ मेहंदीपुर नामक स्थान है। यह मंदिर जयपुर-बांदीकुई- बस मार्ग पर जयपुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर है। दो पहाडिय़ों के बीच की घाटी में स्थित होने के कारण इसे घाटा मेहंदीपुर भी कहते हैं।


नोट :- आपका धन्यवाद् और अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे :-www.letsdiskuss.com

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K

@kanchansharma3716 | Posted on April 10, 2018

आपका सवाल बहुत ही अच्छा है | क्या आप जानते है अगर आप इस धरती में अपनी ज़िंदगी जी रहे है तो इसका मतलब ये है के भगवान् है | अगर भगवान्न होते तो शायद ही जीवन संभव होता | और एक बात आपकी जानकरी के लिए बता दे आपको के त्रेता युग में श्री राम ने हनुमान जी को वरदान दिया था के हनुमान जी को कलयुग तक धरती पर ही रहना है | क्योकि इस पाप की नगरी को बचने के लिए इस धरती पर संकट काटने वाले सिर्फ हनुमान जी ही है |

 

तो इससे एक बात साफ़ होती है की अगर इस धरती पर साधारण जीवन जीना संभव है तो इसका अर्थ है की धरती में आज भी भगवान्है और उनकी मान्यता है | और वैसे भी धरती में जितने भी पाप हो रहे है उसके हिसाब से तो धरती कब की नष्ट हो जाना चाहिए परन्तु अगर धरती है तो भगवन है | और ऐसा नहीं है के भगवान् की मान्यता ख़तम हो गए है | बहुत से लोग है जो आज भी भगवान् को मानते है | और भगवान्का पूजन प्रतिदिन करते है |

 

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B

@brijeshmishra8622 | Posted on April 21, 2018

मुझे ऐसा लगता है ब्रिज जी, वर्तमान समय में सच में भगवान कि मान्यता ख़तम ही होती जा रही है क्योकि भगवान कि मान्यता अब कैसे माने जब किसी को डर ही नहीं | लोग एक के बाद एक गुनाह करते जा रहे है,किसी का डर नहीं ,चलो इंसान का डर तो नहीं होगा पर क्या भगवान का डर भबि नहीं रह गया लोगो में | अगर आप मेरा विचार जानना चाहे तो मई तो यही कहूंगा की भगवान की मान्यता ख़तम है |
 
अब इसको आप लोग चाहो तो कुछ भी मान लो पर में नहीं मानता के लोगो के मन में अब भगवान का डर भी बचा है | अगर थोड़ा सा भी डर बचा होता तो लोग इतने बड़े बड़े गुनाह करने से पहले एक बार जरूर सोचते के कोई सजा दे न दे मगर भगवान् जरूर सजा देगा मुझे |
 
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@shersingh5259 | Posted on June 24, 2018

वैसे तो वर्तमान समय को देखकर यहीं कहा जा सकता हैं कि भगवान् कि मान्यता कम नहीं बल्कि ख़तम हो गई हैं | हर जगह बस ऐसी-ऐसी बातें हैं,जिसके कारण भगवान् की मान्यता तो क्या इंसान की इंसानियत भी शर्मसार हैं |जहां लोगों की इंसानियत ही खतम हैं,वहाँ भगवान् के होने पर तो सदैव संदेह ही बना रहेगा |

 

आपके हिसाब से आदित्य जी धरती में भगवान् की मान्यता हैं ,पर माफ़ कीजियेगा में इस बात से बिलकुल भी सहमत नहीं हूँ | मैं नहीं मानता इस दुनिया में भगवान् की मान्यता बची भी हैं | अगर आपको लगता है कि भगवान् हैं तो बताइये इतने पाप क्यों हो रहें हैं ? क्यों ऐसे गुनाह हो रहे हैं,जिनसे मानव जाति ख़त्म होने की कगार पर है ? भगवान् के नाम पर मंदिरों में इतना चढ़ावा जाता हैं,उसका क्या प्रयोग होता हैं ?

 

मेरे हिसाब से आदित्य जीभगवान् को व्यापार का एक ज़रिया बना दिया है बस और कुछ नहीं |

 

 
अब कहिये आदित्य जी क्या कहना हैं आपका .....इसमें भगवान् की मान्यता कहाँ दिखाई दे रहीं हैं आपको....
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R

@ruchikadutta9160 | Posted on July 16, 2018

वर्तमान समय में जो चल रहा हैं , मुझे नहीं लगता के भगवान कि मान्यता बची हैं | अगर भगवान् कि मान्यता हैं, इसका मतलब हैं, भगवान् का डर हैं | जो इस देश में परेशानी का माहौल हैं, उसको देख कर मुझे नहीं लगता, कि भगवान् कि कुछ मान्यता बची हैं | कलयुग में बस अपराध ही हैं, जो इस धरती में बचे हैं, उसके सिवा और कुछ नहीं |

 
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@krishnapatel8792 | Posted on April 24, 2023

आप जानना चाहते हैं कि क्या कलयुग में भगवान की मान्यता कम होते जा रही है तो मैं आपको बता दूं कि बिल्कुल वर्तमान समय में है लोगों के मन से भगवान का डर तो बिल्कुल निकल ही गया है आए दिन लोग इतने बड़े-बड़े अपराध करते हैं और उन्हें भगवान से बिल्कुल भी डर नहीं लगता है उन्हें लगता है कि भगवान जैसी चीज कुछ है ही नहीं तो मैं आपको बता दूंगी आपको भले ही ईश्वर दिखाई नहीं देता मगर मृत्यु के बाद आपको भगवान सजा अवश्य देंगे इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए।

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S

@setukushwaha4049 | Posted on April 24, 2023

जी हाँ बिलकुल कलयुग के समय मे भगवान की मान्यता बहुत ही कम होती जा रही है, पहले के समय मे लोग भगवान के प्रति बहुत ही आस्था रखते थे भगवान की पूजा किये बिना घर के बाहर कदम नहीं रखते थे। लेकिन आज के समय लोग भगवान क़ो बिल्कुल नहीं मानते है, भगवान क़ो सिर्फ तभी याद करते है ज़ब कोई मुसीबत आती है,तब भगवान क़ो याद करके उनके सामने हाथ जोड़ते है बाकी समय भगवान की पूजा -पाठ नहीं करते है।Loading image...

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M

@meenakushwaha8364 | Posted on July 11, 2023


जी हाँ बिल्कुल कलयुग के समय यानि वर्तमान समय मे सभी के मन मे भगवान के प्रति मान्यता कम होती जा रही है, क्योंकि आज के समय मे सभी लोग आपने जीवन मे इतना व्यस्त हो गए है कि वह भगवान के प्रति कोई आस्था नहीं रखते है क्योंकि उन्हें लगता है कि इस दुनिया भगवान जैसी कोई चीज होती ही नहीं लेकिन मै आपको बताना चाहूँगी कि इस दुनिया मे भूत, प्रेत है तो भगवान भी निवास करते है इसलिए हमें भगवान के प्रति मान्यता रखनी चाहिए, भगवान की पूजा, आराधना जरूर करनी चाहिए।Loading image...

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