लेखक अपने दिल से लिखता हैं या दिमाग से, आपको क्या लगता हैं ? - letsdiskuss
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English


Ram kumar

Technical executive - Intarvo technologies | पोस्ट किया |


लेखक अपने दिल से लिखता हैं या दिमाग से, आपको क्या लगता हैं ?


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Creative director | पोस्ट किया


पहले तो ये जानना महत्वपूर्ण है की यहां क्या लिखने की बात हो रही है | मेरी समझ में तो कलात्मक लेखन की बात हो रही है जिसमे कहानी, कविता व पटकथा लिखना आता है |

मेरा मानना है व्यक्ति अपने दिल से लिखता है क्यूंकि जब हम अपने मन की बात करते हैं तो वह हमेशा दिल से ही लिखा जा सकता है दिमाग से नहीं | दिमाग पर ज़ोर डाले तो आप लिखेंगे " तुम बहुत खूबसूरत हो और तुम सादगी में भी खूबसूरत लगती हो, परन्तु जब यही बात हम दिल से लिखते हैं तो वो कुछ इस प्रकार होगी :
"इस खूबसूरत चेहरे को संवारने की ज़रुरत क्या है,
सादगी में भी क़यामत की अदा होती है" |
तो अब आप समझ ही गए होंगे जब आप ऐसा कुछ पढ़ते है तो उसमे व्यक्ति का दिल झलकता हैं दिमाग नहीं |
Letsdiskuss


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Occupation | पोस्ट किया


लेखक कोई भी स्टोरी, बुक लिखते है तो वह अपने दिल से लिखते है,लेकिन फिर भी कुछ लिखने के लिए दिल और दिमाग़ दोनों की आवश्यकता होती है।दिल वही कहता है जो आपका मन करने के लिए करता है, दिमाग अच्छे- बुरे सोचने समझने की शक्ति रखता है, जिसके चलते लेखक दिमाग़ से सोचता है और दिल की फीलिंग के साथ कहानी, कविता,लेखक लिखता है।Letsdiskuss


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Content Writer | पोस्ट किया


बहुत अच्छा सवाल हैं, लेखक दिल से लिखता है या दिमाग से, मेरा मानना हैं, लेखक सिर्फ लेख लिखता हैं | एक अच्छा लेखक वही होता हैं , जो अपने लेख को परिस्थिति के हिसाब से लिखे और उस पर अमल भी करें |


वैसे तो एक लेखक विषय के हिसाब से लिखता हैं, जहां उसको दिल से लिखने की जरूरत होती हैं, वो वहाँ अपने दिल का इस्तेमाल करता हैं, और जहां उसको दिमाग़ की जरूरत होती हैं, वहां वो अपने दिमाग का इस्तेमाल करता हैं |

दिल से या दिमाग से :-

- अगर कोई लेख लिखने के लिए लेखक के पास कोई ऐसा विषय हैं, जो समाज से जुड़ा हुआ हैं, तो लेखक उस स्थिति में अपने दिल और दिमाग दोनों का इस्तेमाल करता हैं |

- अगर लेख समाज से सम्बंधित किसी नाज़ुक विषय पर हैं, तो लेखक उसमें अपनी भावना व्यक्त करता हैं, या तो वो भावना क्रोध की होगी, या तकलीफ की, पर ऐसे में लेखक अपने दिल का इस्तेमाल करता हैं |

- अगर कोई लेखक राजनीती के बारें में कोई लेख लिखता हैं, तो निसंदेह वो अपने दिमाग का इस्तेमाल करता हैं |

वर्तमान समय में तो ऐसी स्थिति आ गई हैं, कि एक लेखक को ये समझ नहीं आ रहा वो क्या लिखे, कैसे लिखे , क्योंकि देश के बिगड़ते हालात को देख कर, कुछ भी सही नहीं लगता कि क्या किया जाये | वर्तमान में दिल से लिखों या दिमाग से पर लोगों के दिमाग में कुछ नहीं आता |

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